*राजनीति सब कुछ बदलने में सक्षम लेकिन वह देश के मूल स्वभाव के विपरीत न हो* - *विंग कमांडर अनुभा आचार्य*
*अभी देश में भ्रम और भय का वातावरण*
रिपोर्ट राजीव गुप्ता आष्टा जिला सीहोर एमपी
मैं अपनी किताब प्रकाशित करवाऊं तो सेना के लिए लागू की जा रही अग्नि वीर योजना के पेंच सामने आ जाएंगे । दरअसल अग्निवीर योजना भारत की सीमाओं , यहां की भौगोलिक स्थिति , देश के सामाजिक ढांचे , सम्पूर्ण सैन्य तंत्र और युवाओं के रोजगार के संदर्भ में भी कहीं से भारत के अनुकूल नही है । आबादी और आकार की दृष्टि से भी अग्निवीर योजना उपयुक्त नही है । यह कहना है 24 वर्षो तक इंडियन एयर फोर्स में सेवाएं दे कर विंग कमांडर पद से सेवा निवृत्त हुई अनुभा आचार्य का ।
मूलतः विदिशा निवासी पूर्व सैन्य अधिकारी अनुभा आचार्य जितनी मुखर सेना में अपने दीर्घ सेवाकाल से जुड़े तजुर्बों को ले कर हैं उतनी ही साहित्य और सामाजिक विषयों पर भी । उनका कहना है कि राजनीति सम्पूर्ण तंत्र को प्रभावित कर सकती है लेकिन किसी भी देश के मूल स्वभाव को बदल नही सकती । बातों ही बातों में विंग कमांडर अनुभा आचार्य वर्तमान सरकार के अनेक निर्णयों से रुष्ट नजर आती हैं उनका स्पष्ट मानना है कि भारतीय सेना की सम्पूर्ण विश्व मे साख इसलिए है कि एक लोकतांत्रिक देश मे वह अपने अनुशासन और जीवट से अपना कर्त्तव्य निभाहने के लिए स्वतंत्र है ।
अनुभा आचार्य
के अनुसार लेखन भी उतना ही स्वतंत्र होना चाहिए जितना व्यक्ति का स्वभाव हां मर्यादा के पहरे हर जगह होना चाहिए । परन्तु आजकल ऐसा प्रतीत होता है कि बौद्धिकता या तो रहन रख दी गयी गई है या फिर उसे शासकीय पहरों में जकड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं । लगभग हर क्षेत्र में ही अभी भ्रम और भय का वातावरण बनाने का प्रयास हो रहा है लेकिन हताश होने की जरूरत फिर भी नही है ।
रिटायर्ड विंग कमांडर अपनी रुचि के अनुसार इन दिनों राजनीतिक और सामाजिक स्थिति में हो रहे परिवर्तन का अध्ययन करने के लिए दौरा कर रही हैं ।
इसी सिलसिले में वो शनिवार को पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष तथा पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार के आवास पर पधारीं ।
कैलाश परमार ने अपने साथी जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष प्रदीप प्रगति , ब्लाक कांग्रेस के कार्यकारी उपाध्यक्ष द्वय राजेन्द्र दरबार , नरेंद्र कुशवाह पूर्व पार्षद ओम नामदेव , बाबूलाल मालवीय , श्वेताम्बर जैन श्री संघ के महासचिव अभिषेक सुराणा , मुश्ताक पहलवान आदि के साथ विंग कमांडर अनुमा आचार्य का स्वागत किया ।
चर्चाओं में विंग कमांडर ने सीमाओं की रक्षा और सैनिकों के कार्यक्षेत्र के मामले में वर्तमान सरकार की नीतियों को खतरनाक बताया है ।उनके अनुसार पूर्व रक्षा विशेषज्ञ भी वर्तमान हालात पर पैनी नजर रखे हैं । अनुमा आचार्य के अनुसार सीमाओं की रक्षाओ के मामले में दोहरे मानदंड रखना ठीक नही है जबकि दुर्भाग्य से वर्तमान शासन की नीतियां ऐसे ही रूप में सामने आ रही है । क्या आप राजनीति में अपने लिए संभावनाएं तलाश रही हैं इस प्रश्न के जवाब में विंग कमांडर ने इतना ही कहा अच्छे और विचारवान राजनीति में आएं या रहें तो कोई हर्ज नही होना चाहिए उन्होंने कैलाश परमार की ओर इशारा करते हुए कहा कि फिलहाल तो वह राजनीति समाज और धर्म के क्षेत्र में सक्रिय अच्छे लोगो से मिलने में व्यस्त हैं ।