विदिशा लोकेशन गंजबासौदा
जिला ब्यूरो संजीत शर्मा
स्लगन उत्तर काशी हरिद्वार के संतों तक पहुंचा नौलखी का निमंत्रण*
*गंजबासौदा।* तपस्वी सिद्ध संत साकेतवासी जगन्नाथदास महाराज की संत सेवा की परंपरा का निर्वाहन करते हुए सरयू से लेकर गंगा की तलहटी में भजन कर रहे सिद्ध संतों को भी नौलखी आश्रम में 10 अप्रैल से 20 अप्रैल तक चलने वाले विराट प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का निमंत्रण देकर उन्हें महोत्सव में आने के लिए आग्रह किया जा रहा है।
मालूम हो कि सनातन धर्म में संतों की भी एक शोभा और गरिमा होती है। किसी भी प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में उनकी उपस्थिति न केवल कार्यक्रम की गरिमा को प्रदान करती है बल्कि विभिन्न तीर्थ क्षेत्र से आ रहे तपस्वी संतों के दर्शन और सत्संग से श्रद्धालु अपने आप को सौभाग्यशाली मानते हैं। साकेतवासी जगन्नाथदास जी महाराज द्वारा केवल संतों की सेवा के लिए स्टेशन क्षेत्र में नौलखी मंदिर की स्थापना की थी ताकि बेत्रवती घाट स्थित आश्रम तक पहुंचने में संतों को परेशानियां न हो।
नौलखी खालसा के श्री महंत राम मनोहरदास जी महाराज ने बताया कि साकेतवासी जगन्नाथदास जी महाराज की संत सेवा की बदौलत आज भी भारत वर्ष के संत समाज में नौलखी का नाम श्रद्धा भाव से लिया जाता है। हर बार कुंभ मेले में भी नौलखी खालसा के नाम से मेला क्षेत्र में संत सेवा के लिए स्थान रिजर्व रखा जाता है। संतों की गरिमा को ध्यान में रखते हुए आश्रम से जुड़े हुए समिति के सदस्य विभिन्न तीर्थ क्षेत्र में निवास कर रहे संतों को स्वयं अपने हाथों से निमंत्रण देकर उन्हें प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने के लिए आग्रह कर रहे हैं। नौलखी आश्रम से जुड़े पंडित विकास मिश्रा ने बताया कि नौलखी परंपरा से जुड़े हुए हरिद्वार,ऋषिकेश,उत्तर काशी बद्रीनाथ के समस्त संतों को नौलखी बिहारी बिहारणीजू एवं श्री जगन्नाथ भगवान की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का सादर निमंत्रण उन्होंने स्वयं स्थान पर जाकर दिया है। हिमालय तीर्थ क्षेत्र के तपस्वी संत श्रीश्री 108 महामंडलेश्वर अभिरामदास जी त्यागी सहित कई अन्य तपस्वी संतों को प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने के आग्रह के साथ आमंत्रित किया है। इसके अलावा अयोध्या, काशी,वृंदावन, चित्रकूट, उड़ीसा सहित दक्षिण भारत के तीर्थ क्षेत्र में निवासरत संतों को भी प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने के लिए आमंत्रण दिया गया है