खबर: कानपुर में सीवर लाइन के चोक होने से ख्योरा का भूगर्भ जल हुआ प्रदूषित।
कानपुर में सीवर के पानी से ख्योरा का भूगर्भ जल प्रदूषित हो गया है। क्षेत्र के हैंडपंपों, सबमर्सिबलों से बदबूदार गंदा पानी आ रहा है। इससे सिंचाई करने से धनिया, पालक आदि सब्जियों की पत्तियां खराब हो रही हैं। परेशान ग्रामीणों ने हैंडपंप बंद कर दिए हैं। वे दूसरी बस्तियों से पानी भरकर ला रहे हैं। सीवर लाइन चोक होने और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के ठप होने से यह समस्या पैदा हुई है।
जवाहर लाल नेहरू नेशनल अरबन रिनुअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) की डिस्टि्रक्ट -1 सीवेज परियोजना के तहत 12 साल पहले पश्चिमी क्षेत्र में सीवेज निस्तारण के उद्देश्य से कल्याणपुर तिराहे से ख्योरा (नवाबगंज) और वहां से बनियापुरवा सीवेज पंपिंग स्टेशन तक गहरी सीवर लाइन बिछाई गई थी। पांच साल पहले बनियापुरवा में ही 1.5 करोड़ लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) भी बनवाया गया। ठेकेदार ने मानकों को दरकिनार करते हुए सिंहपुर तिराहे से धनऊपुरवा तक मैनावती मार्ग पर घटिया सीवर लाइन बिछाई।
रोड कटिंग, सड़क खोदने का पैसा बचाने के लिए धनउपुरवा से बनियापुरवा के पास डीपीएस (आजादनगर) मोड़ के पास तक नहर में ही सीवर लाइन बिछा दी। सिंहपुर तिराहे से करीब 500 मीटर दूर स्थित केडीए ग्रीन अपार्टमेंट के बीच गहरी सीवर लाइन तीन बार धंस चुकी है। नहर में डाली गई सीवर लाइन भी मिट्टी भरने से चोक हो गई है। इसकी वजह से ख्यौरा मेन पंपिंग स्टेशन (एमपीएस) में गहरी सीवर लाइन से गंदा पानी नहीं पहुंचा।
इस वजह से पांच साल से एमपीएस और एसटीपी ठप हैं। बिजली का कनेक्शन, कर्मियों की तैनाती सहित सारी व्यवस्थाएं होने के बावजूद इनका संचालन नहीं हो पा रहा है। इस वजह से सीवर का पानी भूगर्भ में और गंगा में जा रहा है। क्षेत्र के कुछ बिल्डर भी गंदा पानी शोधित किए बिना बहा रहे हैं, जो भूगर्भ जल में जा रहा है। बता दें गंगा के पास स्थित इस क्षेत्र में भूगर्भ जल करीब 40 फीट पर है।
संवाददाता: विकास कुमार सिंह कानपुर नगर