समाज सुधारक ज्योतिबा फुले के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता - नरेंद्र कुशवाह ।
रिपोर्ट राजीव गुप्ता आष्टा जिला सीहोर एमपी
आष्टा - 19वीं सदी के भारतीय समाज में जात-पात बाल विवाह समेत कई कुरीतियां व्याप्त थी। महिलाओं और दलितों की स्थिति बहुत खराब थी। महात्मा फुले ने भारतीय समाज की कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। वह बाल विवाह विरोधी और विधवा विवाह के समर्थक थे, उन्होंने अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले के साथ मिलकर महिलाओं को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। ज्योतिबा फुले महिला शिक्षा के क्षेत्र में अग्रदूत थे। उन्होंने स्त्री पुरुष भेदभाव को खत्म करने के लिए कहा था कि समाज में महिलाओं को शिक्षित करना अति आवश्यक है। इसीलिए उन्होंने अपनी पत्नी में पढ़ाई की प्रति दिलचस्पी देखकर उन्हें पढ़ाने का मन बनाया और उन्हें प्रोत्साहित किया।
ज्योतिबा फुले को महान समाज सुधारक विचारक समाजसेवी और क्रांतिकारी कार्यकर्ता के रूप में सदैव जाना जाएगा। उन्होंने वंचितों, शोषित वर्ग एवम महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अपना पूरा जीवन अर्पण कर दिया। ऐसे युग पुरुष को उनकी जन्म जयंती पर संपूर्ण कुशवाहा समाज की ओर से मैं श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उक्त आशय के उद्गार कुशवाहा समाज के जिला अध्यक्ष पूर्व पार्षद नरेंद्र कुशवाहा ने ज्योतिबा फुले की 197 भी जन्म जयंती पर स्थानीय परसराम कांप्लेक्स में आयोजित एक कार्यक्रम में व्यक्त किए। ज्योतिबा फुले के चित्र पर माल्यार्पण कर समाज सुधार की दिशा में उनके द्वारा किए गए कार्यों को याद कर उनकी जन्म जयंती म नाई गई। कुशवाहा समाज के जिला अध्यक्ष नरेंद्र कुशवाहा ने बताया कि संपूर्ण कुशवाहा समाज द्वारा मध्य प्रदेश में ज्योतिबा फुले की जन्म जयंती अलग-अलग स्थान पर मनाई जा रही है। प्रांतीय कुशवाहा समाज के अध्यक्ष योगेश मानसिंह कुशवाहा ने सभी संगठनों को पत्र लिखकर ज्योतिबा फुले की जयंती मनाने के लिए निर्देशित किया गया था।
इस अवसर पर प्रांतीय कुशवाह समाज सीहोर जिला युवा संगठन अध्यक्ष रवि कुशवाह,कुशवाहा समाज तहसील अध्यक्ष राजकुमार कुशवाहा ठेकेदार, लव कुश जयंती पूर्व अध्यक्ष जगदीश कुशवाहा, पूर्व पार्षद सुभाष नामदेव ,संजय सुराणा मां पार्वती धाम गौशाला समिति कोषाध्यक्ष, हेमराज कुशवाहा, प्रतीक महाडिक, राहुल कुशवाहा,मनाबाबु कुशवाहा,विशाल कुशवाहा, सुशील कुशवाहा, आकाश कुशवाहा आदि मौजुद थे।