न्यायालय परिसर, आष्टा में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार 11 मई 2024 नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ : NN81

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न्यायालय परिसर, आष्टा में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार 11 मई 2024 नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ : NN81

11/05/2024 | May 11, 2024 Last Updated 2024-05-11T12:50:20Z
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 न्यायालय परिसर, आष्टा में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार 11 मई 2024 नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ।


रिपोर्ट राजीव गुप्ता आष्टा जिला सीहोर एमपी 




आष्टा:- न्यायालय परिसर, आष्टा में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार दिनांक 11 मई 2024 को नेशनल लोक अदालत में सर्वप्रथम माॅ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष तहसील विधिक सेवा समिति, आष्टा की अध्यक्ष माननीय प्रथम जिला न्यायाधीश, श्रीमती शिप्रा पटेल एवं द्वितीय जिला न्यायाधीश श्री उमेश पटेल, न्यायाधीश श्रीमती वंदना त्रिपाठी, न्यायाधीश श्री एम.एन.एच. रजवी, न्यायाधीश श्रीमती ऋचा राजावत, न्यायाधीश श्रीमती रिचा शर्मा, श्रीमती रिचा जैन, भारतीय स्टेट बैंक, क्षेत्रीय प्रबंधक देवाशीष मिश्रा, अमित सिन्हा आष्टा कन्नौद रोड, कन्नौद मिर्जी, कोठरी, जावर, के मुख्य शाखा प्रबंधक भगत सिंह, प्रबंधक कन्नौद रोड अनिल सिंह, प्रबंधक रजत जैन, मोहन पांडेय प्रबंधक, प्रबंधक जावर शम्भूनाथ चैधरी, मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड के उपमहाप्रबंधक अजय कुमार वाधवानी अधिवक्ता संघ अध्यक्ष कृपाल सिंह ठाकुर, अधिवक्तागण एवं कर्मचारीगण ने माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर नेशनल लोक अदालत का प्रारंभ किया गया।


लोक अदालत का चर्चित मामला यह रहा कि निवासी मालवीय नगर आष्टा जिला सीहोर में आवेदिका नगीना मालवीय अपने दो बच्चों के साथ नौ माह से पति संजय मालवीय से मनमुटाव के कारण घर बैठी थी उसे न्यायाधीश श्रीमती वंदना त्रिपाठी, न्यायिक मजिस्ट्रेेट प्रथम श्रेणी, आष्टा तथा आर.सी.सोलंकी अधिवक्ता की समझाईश से पति संजय मालवीय के साथ प्रकरण में समझाईश देकर राजीनामा करवाया गया एवं पुष्पगुच्छ देकर दोनों को हंसी-खुशी के साथ रहने हेतु ससुराल रवाना किया गया। लंबित प्रकरणों में प्रथम जिला न्यायाधीश श्रीमती शिप्रा पटेल के न्यायालय मे कुल 114 प्रकरण रखे गए थे जिनमें से 02 प्रकरणों में04पक्षकारो को 312000 समझौता राशि दिये जाने के आदेश न्यायालय द्वारा किये गये द्वितीय जिला न्यायाधीश श्री उमेश पटेल के न्यायालय मे कुल विद्युत प्रीलिटिगेशन के 3900 प्रकरण निराकरण के लिए रखे गए थे। जिसमें से राजीनामा अनुसार कुल 33 प्रकरणों का निराकरण हुआ। जिसमें 231366 रूपये राशि जमा करायी गयी, तथा न्यायालय के कुल 255 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गये थे जिसमें से 9 प्रकरणों का निराकरण हुआ। जिसमें 18 पक्षकारगण को 268866 रूपये का लाभ हुआ। न्यायाधीश श्रीमती वंदना त्रिपाठी के न्यायालय में प्रीलिटिगेशन के सम्पत्तिकर/जलकर के कुल 26 प्रकरणों का निराकरण हुआ

जिसमें 26 पक्षकारगण 56923 रूपये जमा कराये गये तथा न्यायालय के कुल 50 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गए थे जिनमें 18 प्रकरणों में आपसी सहमति से प्रकरणों का निराकरण हुआ। तथा 40 पक्षकारों को 980000 रूपये का लाभ प्राप्त हुआ, इसी प्रकार न्यायाधीश श्री एम.एन.एच. रजवी के न्यायालय में बैंक प्रीलिटिगेशन के कुल 6 प्रकरण जिसमें से 4 का निराकरण हुआ और 8 पक्षकारगण को 65854 रूपये राशि राजीनामा अनुसार जमा करायी गई एवं न्यायालय के कुल 25 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गए थे जिसमें ने 25 प्रकरणों का निराकरण हुआ जिसमें 69 पक्षकार 915000 रूपये लाभान्वित हुए। न्यायाधीश श्रीमती ऋचा राजावत के न्यायालय में 392 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गए थे जिसमें से 22 प्रकरण निराकृत हुए तथा 50 पक्षकारगण को 4069000 रूपये का लाभ प्राप्त हुआ। न्यायाधीश श्रीमती रिचा शर्मा के न्यायालय में 80 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गए थे जिसमें से 16 प्रकरण निराकृत हुए तथा 39 पक्षकारगण को 1244000 रूपये का लाभ प्राप्त हुआ।

न्यायाधीश श्रीमती रिचा जैन के न्यायालय में 287 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गए थे जिसमें से 24 प्रकरण निराकृत हुए तथा 50 पक्षकारगण को 805000 रूपये का लाभ प्राप्त हुआ।