कान्हा में वन्यप्राणियों के लिएं 700 से अधिक जल स्त्रोत : NN81

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कान्हा में वन्यप्राणियों के लिएं 700 से अधिक जल स्त्रोत : NN81

02/06/2024 | June 02, 2024 Last Updated 2024-06-02T10:01:03Z
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 नैनपुर/कान्हा

सत्येन्द्र तिवारी न्यूज नेशन 81के लिए नैनपुर से

9399424203



कान्हा में वन्यप्राणियों के लिएं 700 से अधिक जल स्त्रोत

कान्हा पार्क में 700 से अधिक जल स्त्रोत

वन्य प्राणियों के लिए कान्हा प्रबंधन ने किए पेयजल के पुख्ता इंतजाम 

बढ़ते तापमान को देखते जल स्त्रोतों पर रखी जा रही नजर 

फोटो-



मंडला/नैनपुर. भीषण गर्मी की तपन से जहां आम जन का जीवन अस्त व्यस्त हैं। बढ़ते तापमान को देखते हुए इस बार अनुमान लगाया जा रहा हैं तापमान 45 डिग्री के करीब पहुंच सकता हैं। इस तपन भरी गर्मी मे इंसान तो पानी से अपनी प्यास बुझा ही सकता हैं लेकिन कान्हा के वन्य जीवों के लिए भी कान्हा प्रबंधन ने पेयजल के पुख्ता इंतजाम कर रखे है। गर्मी के सीजन में कान्हा पार्क के अंदर विभिन्न वन्यप्राणी, जीव विचरण करते है। इनके पेयजल के लिए विशेष व्यवस्था बनाई गई है। 

फील्ड डायरेक्टर एसके सिंह ने बताया कि वन्य प्राणी प्रबंधन की दृष्टि से हर चार स्क्वयर किमी में एक जल स्त्रोतों वन क्षेत्र में होना चाहिए, जिसको देखते हुए कान्हा पार्क के वन क्षेत्र में करीब 700 जल स्त्रोत उपलब्ध है। कान्हा पार्क करीब 2200 स्क्वयर किमी में फैला हुआ है। इस हिसाब से कान्हा में वन्य प्राणियों के लिए पर्याप्त जल स्त्रोत है। जहां जल स्त्रोत नहीं है, वहां कृत्रिम जल स्त्रोत निर्माण कराया गया है, जिसमें तालाब या सोसर बनाए गए है। वहीं गर्मी के सीजन में इन कृत्रिम जल स्त्रोंतों में टेंकरों के माध्यम से पानी की पूर्ति की जाती है। फिलहाल कान्हा प्रबंधन के पास पर्याप्त पानी के टेंकर उपलब्ध है। जिसके कारण इस वर्ष गर्मी के सीजन में वन्य प्राणियों को पानी की कमी नहीं होगी। 

जानकारी अनुसार वन्य प्राणियों के लिए लगातार कान्हा प्रबंधन और संबंधित अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है। प्रत्येक सप्ताह जल स्रोतों को देखा जा रहा है। जिन जल स्त्रोंतों में पानी कम है, वहां का मेप तैयार कर उस कमी को पूरा किया जा रहा है। बताया गया कि कान्हा के कुल स्रोत प्राकृतिक हैं जहाँ कुछ टाइगर्स अठखेलियाँ करते नजर आते हैं। वहीं तैयार किये गये जल स्रोतों पर भी टाइगर्स अपनी प्यास बुझाने आते हैं जो पर्यटकों द्वारा ली गई तस्वीरों में देखा जा सकता है। 

कान्हा पार्क में पर्याप्त है जल स्त्रोत :

कान्हा पार्क प्रबंधन ने बताया कि कान्हा नेशनल पार्क के कोर और बफर जोन में 700 से अधिक जल स्त्रोत है। जिसमें बफर जोन के करीब 173 जल स्त्रोत स्थित है। इन सभी जल स्त्रोतों में वन्य प्राणियों के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध है। वहीं कोर जोन में करीब 90 तालाब से ऊपर, करीब 70 वॉटर होल्स और एक सैकड़ा से अधिक बारहमासी नदी, नाले मौजूद है। जिसमें अभी वन्यप्राणियों के लिए पर्याप्त पानी है। जिसके कारण इस गर्मी के सीजन में वन्य प्राणियों को जंगल से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। 

अधिकारी कर रहे वन क्षेत्र का भ्रमण :

कान्हा पार्क प्रबंधन ने बताया कि इस गर्मी के सीजन में कान्हा के वन क्षेत्रों में प्रतिदिन गश्ती और भ्रमण कर यहां के जल स्त्रोतों के साथ अन्य गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। बताया गया कि कान्हा नेशनल पार्क के वनक्षेत्र कान्हा, किसली, मुक्की, सूपखार, भैसानघाट, सरही, फैन, खटिया, सिझौरा, मोतीनाला, गढ़ी, खापा, समनापुर परिक्षेत्र में स्थित जल स्त्रोंतो पर अधिकारी, कर्मचारियों की नजर है। विगत दिवस कान्हा पार्क के क्षेत्र संचालक, सहायक संचालक ने अपने हमराह स्टाफ के साथ कान्हा के जंगल का भ्रमण किया। इन्होंने बीट नकटीघाटी बेनीपाट क्रमांक 138 से कोदाई दादर क्रमांक 109 का भ्रमण में फायर लाईन से होते हुए खजराही बीट बड़पानी वनक्षेत्र का भ्रमण करते हुए घंघारनाला के जल स्त्रोतो को चैक किया। कान्हा टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक और सहायक संचालक ने वन क्षेत्रों के जल स्त्रों की जांच करते हुए राजाकछार घंघारनाला एनीकट तक 8.5 किमी में जंगल की गश्ती करते हुए फायर सीजन और वन्य प्राणियों के लिए किए गए पेयजल की व्यवस्था का जायजा लिया। इसके साथ ही कान्हा के उपसंचालक ने भी हमराह स्टाफ के साथ वन गश्ती करते हुए घोरेला से मुक्की का भ्रमण किया। 

वन कर्मी कर रहे जल स्त्रोंतो की सफाई :

कान्हा नेशनल पार्क के वनक्षेत्र में वन्यप्राणियों के लिए सैकड़ों कृत्रिम ओर प्राकृतिक जल स्त्रोंत है। वन परिक्षेत्र के जंगल में स्थित जल स्त्रोंतो पर वन अमले द्वारा नजर रखी जा रही है। गर्मी के सीजन में वृक्षों के पत्तें झड़ते है, जो जल स्त्रोंतो में गिर जाते है। प्रतिदिन जंगल के जल स्त्रोंंतो की सफाई तैनात दल द्वारा की जा रही है। जल स्त्रोंतों को बारीकी से भी देखा जाता है। जिससे कहीं शिकारियों ने जल स्त्रोंतो में वन्य प्राणियों के शिकार के लिए कोई जहरील चीज ना मिलाई हो। इसके साथ ही जिन जल स्त्रोंतों में पानी कम है, उन जल स्त्रोंतों में पानी का भराव भी कराया जा रहा है। जिससे वन्य प्राणियों को इस भीषण गर्मी में पेयजल के लिए जंगल से बाहर ना जाना पड़े। कान्हा पार्क में तैनात वन अमला सभी दृष्टिकोण से चौकन्ने है, जिससे कान्हा के वन्य प्राणी इस गर्मी के सीजन में सुरक्षित रह सके।