गुना जनपद पंचायत में फर्जी मस्टरोलो की भरमार
सरपंचों पर जिम्मेदार मेहरबान
मनरेगा योजना में पलीता लगाते होए सरपंच,सचिव और रोजगार सहायक एवं जिम्मेदार अधिकारी
जिला गुना से गोलू सेन की रिपोर्ट
पहले ही मशीनों से काम करवा कर फिर फर्जी मास्टरो का दौर जारी
गुना जनपद पंचायत सीओ साहब कहते हैं की समझा देगे
मामला गुना जनपद पंचायत अंतर्गत का हैं
तालाब निर्माण हों या अर्धनवड निर्माण या अन्य और कोई निर्माण कार्य हो महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना को सरपंच सचिव और रोजगार सहायको ने पैसे कमाने का एक जरिया बना रखा है और कुछ नहीं और इनको *संरक्षक देने में माहिर है संबंधित विभाग के आला अधिकारी* फर्जी लेवर के अकड़े 176,60, और 59,100 और भी अधिक हैं प्रीति दिन के हिसाब से गुना कलेक्टर डॉक्टर सतेंद्र सिंह के इतनी सख्त कार्रवाई करने के बाद भी सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक एवं प्रशासन को कोई डर नहीं है वैसे तो ग्राम पंचायते किसी ना किसी कार्य को लेकर चर्चा में रहती हैं चाहें वह सरपंच पति की दवांगाई की बात हों चाहें किसी गरीब की ज़मीन पर कब्ज़ा करने की बात हों हम आपको बता दें कि गुना जिले की ग्राम पंचायतो में कई सरपंच हैं इसे है उनके पति ही पंचायत के मुखिया हैं जो अपनी दादागिरी के चलते काफ़ी प्रसिद्ध है पिछले कई दिनों से मास्टर में चल रही थी 176 लेवर की हाजरी
सरपंचों और सचिव एवं रोज़गार सहायक की मिली भगत से जिन तालाबों के निर्माण कार्य पर मास्टर में लेवर चल रही हैं वह सब भ्रष्टाचार का हिस्सा है तालाबों का कार्य तो मशीनों से पहले ही करवा लिया है अब फर्जी मास्टर डालकर पैसे निकालने बाकी हैं सो वह कर रहे हैं
*गरीबों के पेट पर लात मारती मशीनें* जिन पंचायतों में मजदूरों की जगह मशीनों से काम किया जा रहा है उन पंचायतों की सत्यता पूर्ण जांच कर कठोर कार्रवाई होना चाहिए मगर जनपद पंचायत के आला अधिकारी और ज़िला प्रशासन पंचायतों की जमीनी स्तर से जांच करे तो इतना भ्रष्टाचार निकाल के सामने आएगा की जांच करता के पैरों तले की जमीन भी खिसक जाएगी अब देखना होगा कि ख़बर प्रकाशित होने के बाद गुना जनपद सीओ गौरव खरे इसी पंचायतों पर कोई कार्यवाही करते हैं या फिर अपना संरक्षण देकर खुला छोड़ देंगे भ्रष्टाचार करने के लिए और नसमस्तक हों जायेगे गांधी बाबा की चमक के आगे ए तो आगे देखने का विषय है
*अगले अंक में और भी*