खबर: उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी पर पावर कॉरपोरेशन हुए सख्त।
कानपुर।उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के जिम्मेदार अधिकारियों ने नई रणनीति बनाई है। नई रणनीति के तहत क्षेत्र में बिजली चोरी के लिए अब एसडीओ और जेई भी जिम्मेदार माने जाएंगे।अब देखना ये है कि उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन द्वारा बनाई नई रणनीति कितनी कारगर साबित होगी। सूत्रों के अनुसार बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा बिजली चोरी के लिए चलने वाले अभियान में अक्सर घरेलू बिजली चोरी पकड़ कर विभाग अपने कर्तव्यों की इतिश्री मान लेता था। लेकिन नई रणनीति के तहत तहत औद्योगिक क्षेत्र के वितरण बाक्स की निगरानी की जाएगी। जिस इलाके में वितरण बाक्स से लगातार बिजली चोरी के मामले सामने आएंगे, वहां के उपखंड अधिकारी (एसडीओ) और जूनियर इंजीनियर (जेई) व अन्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित किए जाने का प्रावधान है जरूर लेकिन जानकारों का मानना है कि एसडीओ और जेई जैसे अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही आसान न होगी। कयोंकि संबंधित मामलों की जांच भी तो बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा ही की जानी है।
पूर्व में अधिकारियों द्वारा निष्ठा व ईमानदराना तरीके से की गई जांच पर भी उंगलियां उठती रहीं हैं।पिछले दिनों ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने खुद विभागीय अधिकारियों की बैठक में यह बात कही और कार्य प्रणाली सुधारने का निर्देश दिया। प्रदेश में हर साल करीब पांच हजार करोड़ की बिजली चोरी होती है। इसे रोकने के लिए विभागीय अधिकारियों के साथ ही विजिलेंस की टीम भी है। फिर भी मामले कम नहीं हो रहे हैं। पिछले दिनों कराए गए सर्वे में यह बात भी सामने आई कि बिजली चोरी के मामले में किसी न किसी रूप में विभागीय मिली भगत भी है। अब चोरी वाले इलाके में वितरण बाक्स की निगरानी की जाएगी। यदि बाक्स खुले हुए हैं तो उस बाक्स से केवल वैध कनेक्शन जोड़ कर सिंगल चाबी वाले ताले लगाए जाएंगे।
संवाददाता: विकास कुमार सिंह, कानपुर नगर