अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू नही किये जाने तथा उप वर्गीकरण ना कर आरक्षण को यथावत रखे जाने बाबत : NN81

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अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू नही किये जाने तथा उप वर्गीकरण ना कर आरक्षण को यथावत रखे जाने बाबत : NN81

21/08/2024 | August 21, 2024 Last Updated 2024-08-21T11:05:22Z
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 नैनपुर 

सत्येन्द्र तिवारी न्यूज  नेशन के लिए नैनपुर से 

9399424203



- अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू नही किये जाने तथा उप वर्गीकरण ना कर आरक्षण को यथावत रखे जाने बाबत ।




एंकर -  आज ज्ञापन के माध्यम से नैनपुर में इन भावनाओं के साथ की भारत मे सामाजिक शैक्षणिक आर्थिक व राजनीतिक समानता हेतु भारतीय संविधान में अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग को लोकसभा मे संविधान के अनुच्छेद 330 में तथा विधानसभा में संविधान के अनुच्छेद 332 में राजनीतिक आरक्षण की व्यवस्था की गई थी उसी प्रकार अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के सदस्यो को शासकीय सेवा मे दावे हेतु संविधान के अनुच्छेद 335 मे व्यवस्था की गई थी एवं संविधान के अनुच्छेद 341 में अनुसूचित जाति को तथा संविधान के अनुच्छेद 342 में अनुसूचित जाति जनजाति को शासकीय अर्धशासकीय व केंद्र की सेवाओ मे आरक्षण प्रदान किया गया था। डा. बाबासाहेब भीमराव आम्बेडकर द्वारा इस राजनीतिक व शासकीय सेवा मे आरक्षण की व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य भारत में सामाजिक समानता स्थापित करना था जो कि आज की परिस्थिति में भी यह उद्देश्य पूर्ण नही हो पाया है।


संविधान मे राजनीतिक आरक्षण व सेवाओ में आरक्षण वंचित व पीड़ित जाति को दिया गया है ना कि अमीर और गरीब की श्रेणी को। वर्तमान स्थितयो में भी भारत के विभिन्न राज्यों में अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के साथ भेदभाव व अत्याचार बदस्तूर जारी है जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत में सामाजिक समानता आज पर्यंत स्थापित नही हो पाई हैए आज भी इन वर्गों के अनेक आईएएस आईपीएस अधिकारी भेदभाव व प्रताड़ना के शिकार हो रहे है तथा राजनीतिक क्षेत्र में भी इन वर्गों के अनेक राजनीतिक जन प्रतिनिधियो की जातिगत आधार पर अनदेखी की जाती है वे उपेक्षा का शिकार होकर बेबस बने रहते है। इसलिए यह मानना कि वे क्रीमीलेयर है और उन्हे क्रीमीलेयर मानकर आरक्षण की सुविधाओं से वंचित करना व उप वर्गीकरण करना उनके संवैधानिक हितो पर कुठाराघात है। केन्द्र सरकार की शह पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिया गया यह निर्णय किसी भी दृष्टिकोण से श्रेयस्कर नही है। इस निर्णय से अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग हताश निराश व आक्रोशित है। वर्ष 2018 मार्च में एससी एसटी एक्ट को निष्प्रभावी किये जाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिया गया निर्णय व उसके बाद 02 अप्रैल 2018 को उपजे देशव्यापी आंदोलन का स्मरण करेए कही पुनः देश मे ऐसे उग्र प्रदर्शन व आंदोलन की पुनरावृत्ति ना हो जाये।

अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के संवैधानिक हितो को ध्यान में रखते हुए इन वर्गों के आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू कर उप वर्गीकरण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिये गये निर्णय को समाज हितए जन हित व देश हित मे वापस लिये जाने की अनुशंसा करने का कष्ट करेंगे। आरक्षण को वर्गीकृत ना कर इसे यथावत ही रखेए अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग सदैव आपका आभारी रहेगा।

इन पार्टियों ने समर्थन कर अपनी नाराजगी दर्शाई - 

 बहुजन समाज पार्टी ईकाई नैनपुर , गोड्‌वाना गणतंत पार्टी ईकाई नैनपुर,बुद्धिस्ट लोकमरी भाँए इंडिया सारखा नैनपुर,

 गोंडवाना महासभा संघ नैनपुर , अधिवक्ता संघ नैनपुर ,बाल्मीकी संघ नैनपुर