लोकेशन - नैनपुर
20/09/24
सत्येंद्र तिवारी न्यूज नेशन 81 के लिए नैनपुर से
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कान्हा टाइगर रिजर्व में हाथी रिज्यूविनेशन कैंप का आज हुआ समापन
एंकर - कान्हा टाइगर रिजर्व में विभागीय हाथियों के प्रबंधन का इतिहास रहा है वर्तमान में कुल 16 हाथी उपलब्ध हैं। प्रारंभ से ही इन हाथियों का कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में प्रमुख उपयोग वन्य प्राणियों की सुरक्षा हेतु गस्ती कर में किया जाता रहा है। किंतु कालांतर से इनका उपयोग पर्यटन प्रबंधन में भी किया जा रहा है। हाथियों एवं उनके महावत तथा संलग्न कर्मचारियों के वर्ष पर्यंत कठिन परिश्रम के फल स्वरुप थकान एवं स्वास्थ्य विषयक कर्म से आराम की आवश्यकता होती है। जिसके लिए उन्हें एक सप्ताह का विश्राम दिया जाता है। जिसे हाथी पुनरयोगिनिकरण सप्ताह कहा जाता है
इस वर्ष हाथी रिजूवनेशन कैंप का शुभारंभ 15 सितंबर से किया गया एवं जिसका आज समापन हुआ। इस अवधि के दौरान 16 विभागीय हाथियों के स्वास्थ्य की विशेष देखरेख की गई। इस दौरान सभी महावत एवं चाराकटर विभागीय हाथियों को पूर्ण आराम के अतिरिक्त उनकी विशेष सेवा में रहे तथा हाथियों को अतिरिक्त खुराक विटामिन, मिनरल, फल, आदि उन्हें परोसे गए। इस अवसर पर हाथियों की सेवा में लगे समस्त महावतों एवं चार कतरों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन एस के सिंह क्षेत्र संचालक कान्हा टाइगर रिजर्व के मार्गदर्शन अनुसार संपन्न किया गया। सप्ताह भर विशेष कार्यक्रम के दौरान पुनीत गोयल उपसंचालक और अमिता के.बी. उप संचालक बफर जॉन वन मंडल एवं कान्हा टाइगर रिजर्व अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे
इस अवधि में प्रत्येक दिन चारा कटर द्वारा हाथियों को जंगल से लाकर नहला धुलाकर कैंप में लाया गया एवं कैंप के हाथियों के पैर में नीम का तेल तथा सिर में अरंडी के तेल की मालिश की गई। इसके पश्चात गन्ना, केला, मक्का, अनानास, नारियल, आदि खिलाया गया। दोपहर में हाथियों को नहलाकर कैंप में लाया गया। इसके पश्चात कैंप में रोटी गुड़, नारियल, पपीता, खिलाकर समापन के बाद उन्हें पुनः जंगल में छोड़ा गया।
ऐसे कैंप के आयोजन से एक और जहां हाथियों में नई ऊर्जा का संचार होता है एवं मानसिक आराम मिलता है वही इन सामाजिक प्राणियों को एक साथ समय बिताने का अनोखा अवसर प्राप्त होता है
बाइट -1 - एस. के. सिंह क्षेत्र संचालक कान्हा टाइगर रिजर्व
2- मल सिंह महावत