8 बार के विधायक व पूर्व शिक्षामंत्री पंडित श्यामसुंदर शर्मा को बसपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते किया निष्कासित :NN81

Notification

×

Iklan

8 बार के विधायक व पूर्व शिक्षामंत्री पंडित श्यामसुंदर शर्मा को बसपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते किया निष्कासित :NN81

18/10/2024 | अक्टूबर 18, 2024 Last Updated 2024-10-18T09:44:45Z
    Share on

 8 बार के विधायक व पूर्व शिक्षामंत्री पंडित श्यामसुंदर शर्मा को बसपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते किया निष्कासित





मथुरा मांट विधानसभा क्षेत्र में राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले आठ बार के विधायक और पूर्व शिक्षामंत्री पंडित श्यामसुंदर शर्मा को पार्टी से निष्कासित कर दिया है हरियाणा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियां और अनुशासनहीनता के मामले में पार्टी ने निष्कासित किया है पार्टी के जिलाध्यक्ष सत्य प्रकाश कर्दम ने बताया कि उनके द्वारा पार्टी में अनुशासनहीनता अपनाने एवं पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पार्टी से निष्कासित किया गया है उन्होंने बताया कि पूर्व शिक्षामंत्री श्यामसुंदर शर्मा को अनुशासनहीनता अपनाने के संबंध में कई बार चेतावनी भी दी गई लेकिन उनकी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हुआ आखिरकार उन्हें निष्कासित कर दिया पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन कुमारी मायावती जी के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है बहुजन समाज पार्टी ने कद्दावर ब्राह्मण चेहरे श्याम सुंदर शर्मा को बाहर का रास्ता दिखा दिया है पार्टी के पास हाथरस के रामवीर उपाध्याय के बाद श्याम सुंदर ही बड़ा चेहरा थे जो इस तबके के वोट बैंक में पैठ रखते थे बुलंदशहर के गुड्डू पंडित बहुत पहले ही पार्टी से किनारा कर चुके हैं ऐसे में अभी से सवाल 2027 श्याम सुंदर शर्मा विधानसभा चुनाव को लेकर खड़ा हो गया है कि बसपा की नैया का कौन सा ब्राह्मण चेहरा खेवनहार बनेगा हालांकि कई युवा चेहरे इसे मौके की तरह देख रहे हैं आगरा अलीगढ़ मंडल में 13 लाख के करीब है ब्राह्मण मतदाता बसपा के आगरा अलीगढ़ मंडल के मुख्य प्रभारी सूरज सिंह बताते हैं कि आगरा जिले में करीब 2.50 लाख मथुरा में 3 लाख करीब फिरोजाबाद में 1.50 लाख के करीब,मैनपुरी में 80 हजार के करीब,अलीगढ़ में 2.50 लाख के करीब,हाथरस में 2 लाख के करीब,एटा और कासगंज में 80-80 हजार के करीब ब्राह्मण मतदाता हैं वह कहते हैं कि बसपा बड़े नेता बनाने का काम करती है मायने यह नहीं रखता है कि कौन कितना बड़ा नेता है बल्कि मायने इस बात के हैं कि पार्टी में कौन निष्ठावान है हाल के उदाहरण देखें तो पार्टी ने अलीगढ़ में बंटी उपाध्याय को सांसद का चुनाव लड़ाया आज वह वहां पर बड़े नाम हैं इसी प्रकार हाथरस में अबिन शर्मा बड़े ब्राह्मण नेता हैं बसपा के लिहाज से आगरा और अलीगढ़ मंडल में पार्टी के पास पहले आगरा मंडल के मथुरा जिले में श्याम सुंदर शर्मा और अलीगढ़ मंडल के हाथरस जिले में रामवीर उपाध्याय ब्राह्मण नेता के तौर थे वह ब्राह्मण वोटों पर मजबूत पकड़ रखते थे अपनी मृत्यु से कुछ समय रामवीर उपाध्याय भाजपाई हो गए उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी अबिन शर्मा बसपा में आ गए पार्टी ने उनको सादाबाद से 2022 में विधानसभा चुनाव भी लड़ाया था हालांकि वह हार गए मगर वर्तमान में बसपा के पास हाथरस में इकलौते ब्राह्मण नेता हैं इसी प्रकार अलीगढ़ में बंटी उपाध्याय को पार्टी ने 2024 में सांसद का चुनाव लड़ाया वह भी हार गए मगर उन्होंने भी खुद को वहां ब्राह्मण नेता तौर पर स्थापित किया है ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है


कि क्या अब बंटी उपाध्याय और अबिन शर्मा का पार्टी में इस क्षेत्र में कद बढ़ेगा दरअसल बुलंदशहर के गुड्डू पंडित जो कि बुलंदशहर के अलावा अलीगढ़ और आगरा में भी पकड़ रखते थे वह भी बसपा छोड़ सपाई हो चुके हैं इसी प्रकार मथुरा की बात करें तो 2024 लोकसभा चुनाव में बसपा ने कमलकांत उपमन्यु को ब्राह्मण चेहरे के तौर पर मैदान में उतारां था मगर,एन वक्त पर उनको बदलते हुए पूर्व आईआरएस एवं जाट चेहरा सुरेश सिंह को टिकट दे दी थी इससे नाराज होकर कमलकांत ने पार्टी छोड़ दी थी अगले वर्ष से 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो जाएंगी ऐसे में बसपा के सामने चुनौती सपा को लेकर भी होगी दरअसल सपा ने लोकसभा चुनाव के बाद ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए माता प्रसाद पांडे को नेता प्रतिपक्ष बनाया था