नैनपुर
सत्येन्द्र तिवारी नैनपुर से
9399424203
एम्बुलेंस चालक ने रेफर महिला को ले जाने से किया इंकार, मौत सीएमएचओ के आदेश का भी नहीं किया पालन, परिजनों ने की कार्रवाई की मांग, नैनपुर सिविल अस्पताल का मामला
एंकर - नैनपुर में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हो गई है। यहां एम्बूलेंस चालक की मनमानी से गंभीर महिला की मौत हो गई है। दरअसल को अधिक मात्रा में दवानों को सेवन करने के कारण नैनपुर सिविल अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया। यहां से महिला को जबलपुर रेफर किया गया लेकिन एम्बुलेंस चालक ने उसे ले जाने से इंकार कर दिया। बीएमओ ने दूसरे चालक को बुलाया इस बीच काफी देर हो गई। जबलपुर उपचार के लिए पहुंची महिला की मौत हो गई है। जिसके बाद परिजनों ने एम्बुलेंस चालक पर कार्रवाई की मांग की है।
यह है पूरा प्रकरण -
तापसी सिंह पति संजय सिंह निवासी वार्ड नंबर नैनपुर
का अवसाद से ग्रसित होने के कारण उपचार चल रहा था। 16 वदम्बर को महिला से दवाओं का अत्यधिक मात्रा में सेवा कर लिया। जिससे उसकी हालात बिगड़ गई। जिससे परिजन उपचार के लिए सिविल अस्पताल नैनपुर लेकर आए। यहां प्राथमिक उपचार के बाद
मरीज की हालत को देखते हुए बीएमओ डाक्टर राजीव
चावला के द्वारा जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया
गया। आरोप है कि सिविल अस्पताल में पदस्थ वाहन
चालक राजकुमार चन्द्रौल मरीज को जबलपुर अस्पताल ले जाने से मना कर दिया। वाहन चालक ने कहा कि वह रास्ता नहीं जानता है। इसी कारण यह मरीज को जबलपुर नहीं लेजा सकता।तब जा कर आनन फानन में वाहन चालक बन्द किशोर कछवाहा को बुलाया और गंभीर हालत के मरीज को जबलपुर अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। लिहाजा गम्भीर हालत में रही तापती सिंह की जबलपुर अस्पताल में मृत्यु हो गई।
समय पर नहीं मिला उपचार कार्रवाई की मांग -
इस घटना के बाद परिजओं में खासा रोष वाक्त किया गया है। यहां परिजनों के द्वारा अप लगाए गए है कि चालक की लापरवाही की वजह से उसके मरीज को समय पर उपधार नहीं मिला है। मृतिका के परिजनों ने प्रशासन से मांग की है कि चालक के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। जिससे इस तरह की घटना की पुनरावृति नहीं हो सके और किसी भी मरीज की जान संकट में नहीं पड़े।
बताया गया है कि करीब 10 वर्षों से नैनपुर अस्पताल में वाहन चालक राजकुमार चन्द्रौल पदस्थ है। आरोप कि चालक के द्वारा हमेशा मनमानी की जा रही है। इसके पहले भी अनेक मामले सामने आए जिस पर वाहन चालक अपनी मनमर्जी से मरीज को लाता ले जाना किया करते थे लेकिन 16 नवम्बर को मौके पर सीएमएचओ डॉ केसी सरोते भी मौजूद थे, उन्होंने भी चालक को रेफर केस ले जाने के लिए सी अदेशित किया था लेकिन चालक के द्वारा अदेश का पालन नहीं किया गया, जिससे मरीज को समय पर उपचार नहीं मिल सका और उसकी जान चली गई।