प्रियदर्शनी स्कूल में मनाए गए वार्षिक उत्सव में छात्रों ने अपनी प्रतिभा दिखाई - बालोद (छ.ग.): NN81

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प्रियदर्शनी स्कूल में मनाए गए वार्षिक उत्सव में छात्रों ने अपनी प्रतिभा दिखाई - बालोद (छ.ग.): NN81

19/01/2025 | जनवरी 19, 2025 Last Updated 2025-01-19T14:47:55Z
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 संवाददाता नवीन राजपूत :


अर्जुन्दा -नगर के प्रियदर्शिनी प्रियदर्शनी पब्लिक स्कूल में मनाए गए वार्षिक उत्सव में छात्रों ने अपनी प्रतिभा दिखाई और विद्यालय की उन्नति और प्रगति का जश्न मनाया। 

मुख्य अतिथि के तौर पर विधायक कुंवर सिंह निषाद ने शिरकत की । वार्षिकोत्सव में स्कूली बच्चों ने एक से बढ़ कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों से वहां मौजूद लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।दीप प्रज्ज्वलित कर विधायक कुंवर सिंह निषाद और नगर पंचायत अध्यक्ष चंद्रहास देवांगन, डीएसपी त्रिभुवन वासनिक,प्राचार्य गेंदलाल सिन्हा, शिक्षक राकेश सोनी ने कार्यक्रम की शरूआत की। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्टूडेंट्स ने एक से बढ़कर एक आकर्षक प्रस्तुतियां देकर कार्यक्रम को बहुत ही यादगार बना दिया. छात्र-छात्रा ने एकल नृत्य और सामूहिक नृत्य करके दर्शकों का मन लुभाया. कई छात्र - छात्राओं ने ड्रामा, नाटक प्रस्तुत करके समाज के लोगों को जागरूक किया. पर्यावरण, पेड़ की अंधाधुंध कटाई से हानि, हिंदू मुस्लिम एकता, देशभक्तों की वीरता, बेटी बचाओ बेटी जैसे संदेश संगीत और नाटक के माध्यम से छात्र - छात्राओं, छोटे छोटे बच्चों ने दिया।कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने प्रतिभावान बच्चों को पुरस्कृत भी किया, साथ ही साथ स्कूल से पासआउट स्टूडेंट्स जिनका चयन जेपीएससी व अन्य जगहों पर हुआ है उन्हें व उनके माता पिता को सम्मानित भी किया गया. छात्रों के अभिभावकगण और नगर के कई गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम को देखने के लिए समारोह स्थल पर पहुंचे और आनंद उठाया। 

मुख्य अतिथि कुंवर सिंह निषाद  ने कहा कि बच्चों को अच्छा नागरिक बनाने में माता-पिता के बाद शिक्षण संस्थानों का अहम योगदान होता है. शिक्षकों को बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा देनी चाहिए. मुझको लगता है कि इन सब गुणों में यही स्कूल सबसे अव्वल दर्जे का है. जिस तरह स्कूल के छात्रों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. ऐसे में लगता है कि शिक्षक और छात्र काफी मेहनत करते हैं और उन्होंने सभी का उत्साहवर्धन भी किया।शिक्षा के साथ-साथ छात्रों के कौशल विकास के लिए इस तरह की सांस्कृतिक गतिविधि समय-समय पर होते रहना चाहिए।छात्रों को अपने जीवन में उच्च लक्ष्य निर्धारित जरूर करना चाहिए और उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मेहनत अति आवश्यक है।