Reported By: NN81 X @newsnation81tv
Edited By: Abhishek Vyas X @abhishekvyas99
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 1984 सिख दंगों के मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दोषी करार दिया है। अब 18 फरवरी को सजा पर बहस होगी। 1984 में सिख विरोधी दंगों को दौरान सरस्वती विहार में दो सिखों की हत्या के मामले में सज्जन कुमार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने दोषी करार दिया। 1 नवंबर 1984 को सरस्वती विहार में जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या हुई थी।
शिकायतकर्ताओं के अनुसार इस भीड़ का नेतृत्व कांग्रेस के तत्कालीन सांसद सज्जन कुमार ने किया था
1 नवंबर 1984 को शाम के करीब चार से साढ़े चार बजे के बीच दंगाइयों की एक भीड़ ने लोहे की सरियों और लाठियों से पीड़ितों के घर पर हमला किया। शिकायतकर्ताओं के अनुसार इस भीड़ का नेतृत्व कांग्रेस के तत्कालीन सांसद सज्जन कुमार ने किया था जो उस समय बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। आरोप था कि सज्जन कुमार ने भीड़ को हमले के लिए उकसाया जिसके बाद दोनों सिखों को उनके घर में जिंदा जला दिया गया। भीड़ ने घर में तोड़फोड़ लूटपाट और आगजनी भी की थी।
सजा पर बहस की तारीख 18 फरवरी तय की
स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने सज्जन कुमार को दोषी करार दिया साथ ही सजा पर बहस की तारीख 18 फरवरी तय की। सजा सुनाए जाने के लिए सज्जन कुमार को तिहाड़ जेल से अदालत में पेश किया गया। हत्या के इस मामले में पंजाबी बाग थाने ने शुरू में मामला दर्ज किया था लेकिन बाद में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जांच का जिम्मा संभाला था। इस मामले में 16 दिसंबर 2021 को अदालत ने कुमार के खिलाफ आरोप तय किए थे और उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला सही पाया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार घातक हथियारों से लैस एक बड़ी भीड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का बदला लेने के लिए बड़े पैमाने पर लूटपाट आगजनी की थी और सिखों की संपत्तियों को नष्ट किया था। इस मामले में जसवंत सिंह की पत्नी ने शिकायत दर्ज कराई थी।