तमिलनाडु के एक छात्र ने अनोखी मिसाल पेश की, मां के अंतिम संस्कार को छोड़ 12वीं कक्षा की परीक्षा देने पहुंचा इसके बाद वह मां के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ : NN81

Notification

×

Iklan

तमिलनाडु के एक छात्र ने अनोखी मिसाल पेश की, मां के अंतिम संस्कार को छोड़ 12वीं कक्षा की परीक्षा देने पहुंचा इसके बाद वह मां के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ : NN81

04/03/2025 | मार्च 04, 2025 Last Updated 2025-03-04T06:20:57Z
    Share on

  Reported By: NN81 @newsnation81tv 

Edited By: Abhishek Vyas @abhishekvyas99   


तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के वल्लीयूर में एक छात्र ने अनोखी मिसाल पेश की है। दरअसल अन्ना नगर में रहने वाली कृष्णमूर्ति की पत्नी सुबलक्ष्मी का सोमवार को निधन हो गया। इस दंपत्ति के दो बच्चे हैं। बेटे का नाम सुनील कुमार और बेटी का नाम युवासिनी है। कृष्णमूर्ति का 6 साल पहले निधन हो गया था। इसके बाद सुबलक्ष्मी ने ही अपनी संतानों को अकेले पाला। इस बीच सोमवार को तबीयत खराब होने की वजह से सुबलक्ष्मी का निधन हो गया। सुनील कुमार 12वीं कक्षा के छात्र हैं। मां की मौत होने के बावजूद सुनील कुमार ने अपने दुख को दबाकर तमिल भाषा की परीक्षा दी और दोपहर वह घर लौटा। 


परीक्षा देने जाने से पूर्व सुनील कुमार ने अपनी मां को छूकर कहा कि मां थोड़ी देर और रुक जाओ मैं वापस आऊंगा

इसके बाद सुनील कुमार ने अपनी मां के अंतिम संस्कार में भाग लिया। परीक्षा देने जाने से पूर्व सुनील कुमार ने अपनी मां को छूकर कहा कि मां थोड़ी देर और रुक जाओ मैं वापस आऊंगा। इतना सुनना ही था कि वहां मौजूद सभी लोगों की आंखों में आंसू आ गए। इस घटना ने एक तरफ जहां सभी को शोक में डूबा दिया। वहीं सुनील कुमार ने नई मिसाल पेश की है। बता दें कि इससे पूर्व महाराष्ट्र के लातूर में भी ऐसा ही एक मामला देखने को मिला था। यहां पिता का अंतिम संस्कार बीच में छोड़कर दिशा नागनाथ उबाले नाम की छात्रा अपनी 10वीं कक्षा की मराठी का परीक्षा देने पहुंची थी। 


हौसला दिखाते हुए 16 वर्षीय लड़की ने अपने आंसू पोंछे अपने पिता को अंतिम विदाई दी

दरअसल दिशा के पिता बीमारी से जूझ रहे थे और उनका अंतिम संस्कार बीते दिनों भादा गांव में किया गया। भादा में जिला परिषद बालिका विद्यालय की छात्रा दिशा ने बताया कि उसे यकीन नहीं था कि वह शुक्रवार को सेकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट (एसएससी) की परीक्षा दे पाएगी। तभी उसके शिक्षक शिवलिंग नागपुरे ने उसे परीक्षा में शामिल होने के लिये कहा। नागपुरे ने बताया कि उन्होंने लातूर डिवीजनल बोर्ड के चेयरमैन सुधाकर तेलंग से संपर्क किया जिन्होंने दिशा से बात की और उसे हार न मानने के लिए प्रोत्साहित किया। हौसला दिखाते हुए 16 वर्षीय लड़की ने अपने आंसू पोंछे अपने पिता को अंतिम विदाई दी और शुक्रवार को मराठी का पेपर देने के लिए औसा के अजीम हाई स्कूल में परीक्षा केंद्र की ओर चल पड़ी। दिशा के परिवार में उनकी दादी मां और छोटा भाई शामिल हैं। भादा गांव के निवासी प्रेमनाथ लाटूरे ने बताया कि जब वह (दिशा) औसा में अपना पेपर लिख रही थीं उसी दौरान उनके पिता का अंतिम संस्कार हो रहा था।