Reported By: Chhavilaal Rathiya
Edited By: Abhishek Vyas X @abhishekvyas99
प्रेरकसंघ - फिर से नौकरी पाने के लिए करेगा उग्र आंदोलन बजट से गहरी निराशा, आपको बताते चलें कि बर्खास्त प्रेरकसंघ ने 04 मार्च 2025 को रायपुर कलेक्टर गार्डन हुई बैठक में लिया गया निर्णय।
बीते दिनो वितमंत्री ओपी चौधरी ने अपना बजट पेश कर दिया लेकिन आपको बता दें कि प्रेरकसंघ के लिए कुछ नहीं था। दो बार सरकार बदल गई पर प्रेरकसंघ की स्थिति आज भी जस के तस बनी हुई है शिक्षा प्रेरक आज भी बेरोजगारी दंस झेलने और दर - दर की ठोकरे खाने को मजबूर है प्रेरकसंघ आज भी अपनी नौकरी की मांगों को लेकर दर्जनों पूर्व विधायको /मंत्रियों से मेल मुलाकात कर चुके हैं लेकिन आज पर्यन्त तक रोजगार नहीं मिल पाया है चाहे वर्तमान मुख्यमंत्री हो या विधायक जब हम भूपेश सरकार के समय बेरोजगार हो गये थे जब हम धरना प्रदर्शन/आन्दोलन किया करते थे तब हमारे मंचों जा जाकर भाजपा नेता लंबी चौड़ी भाषण दिया करते थे फूल माल पहना करते थे जब हमारी सरकार आयेगी तो आपके साथ न्याय करेंगे आपको नौकरी देंगे 100 दिन के अन्दर कमेटी बनेगी कमेटी आपको शामिल किया जाएगा न आज तक कमेटी बनी न रोजगार मिला भाजपा सरकार बने लगभग एक साल पूरा हो चुका है मोदी की गारंटी महज एक जुमला है लेकिन जो प्रेरक 31मार्च 2018 से बेरोजगार , भूखे, प्यासे हैं उनके परिवार आज बेघर होते जा रहे हैं बहुत सारे प्रेरको का मौत हो चुका हैं उन दिवंगत प्रेरकों को आज तक न्याय नहीं मिला पाया है। तो हमारे प्रेरक भाई, बहनों से यह सवाल है कि सरकार क्या? अपने योजनाओं का ढिंढोरा पीटती रहेगी या जिनको बेरोजगार कर दिया उसे प्राथमिकता के साथ लायेगी क्योंकि यह बजट हमको वितमंत्री ओपी चौधरी और मुख्यमंत्री जी से बहुत उम्मीद था। कि इस बार हमारे साथ न्याय होगा क्योंकि प्राथमिक रूप से हमसे न्याय की बात कही गई थी लेकिन हम लोग लगातार धरना, आन्दोलन करते रहे हैं लेकिन आज तक न्याय प्राप्त नहीं हुआ है। हम आज यहीं पे रणनीति बना रहे हैं हमारे कर्मचारियों के नेतृत्वकर्ता माननीय विजय झा जी एवम् प्रेरकसंघ के प्रदेशध्यक्ष संदीप दुवेदी वहीं पर चर्चा परिचर्चा कर रहे हैं क्योंकि रायपुर तूता का जो धरना स्थल को इतना दूर कर दिया गया वहां पे कर्मचारी जाता है तो वहां न पीने का पानी उपलब्ध है न कोई चिकित्सा सुविधा है तबियत खराब हो जाए तो कोई विकल्प नहीं है वहां पे कर्मचारी ऐसे जगह फेंक दिया गया है। ताकि उनकी आवाज न सरकार तक पहुंच सके, न जानता तक पहुंच सके, न मीडिया तक पहुंच सके हम सरकार से यथावत यहीं कहना चाहेंगे वादा किया है तो वादा निभाये वरना हम आगे उग्र आंदोलन क्योंकि अब हमारी उम्र ढलता जा रहा है युवा आज इस पीढ़ी में युवा देश होकर भी युवा जिस प्रकार आज युवा कटोरा लेकर चल रहा है यह न्याय संगत नहीं है।