Reported By: Ravi Chauhan
Edited By: Abhishek Vyas X @abhishekvyas99
मप्र के दो बड़े शहरों में कल से मांस मटन की दुकानें बंद, खोलीं तो पुलिस कार्रवाई होगी:
मप्र के दो बड़े शहरों में मांस मटन की दुकानें बंद रखने का फैसला आ गया है। यह फैसला उप्र के बाद आया है। उप्र के कई शहरों में भी इसके लिए आदेश जारी किए गए हैं। मप्र के इंदौर और भोपाल के लिए यह फैसला आया है लेकिन अन्य जिलों के लिए भी इसकी मांग उठ रही है। नेताओं का कहना है कि हम सभी धार्मिक सद्भाव में विश्वास रखते हैं और सभी को हिन्दुओं और जैन समाज के लोगों की भावनाओं का आदर करना चाहिए। आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि इसको नहीं माना गया तो और कोई भी मांस मटन की बिक्री करते हुए पाया गया तो तो उस पर सख्त पुलिस कार्रवाई होगी। आइए अब जानते हैं कि पूरा मामला है क्या। दरअसल इंदौर नगर निगम और भोपाल नगर निगम ने आज एक नया आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सभी को कुछ विशेष दिनों पर मांस मटन की दुकानें बंद रखना हैं। इनमें 30 मार्च, 6 अप्रैल, 10 अप्रैल और 12 मई के दिन शामिल हैं। सभी को पता है कि 30 मार्च को नवरात्रि शुरू हो रही है। इसके साथ में ही लोकप्रिय गुड़ी पड़वा का दिन भी है। 6 अप्रैल को रामनवमी है 10 अप्रैल को महावीर जयंती है और 12 मई को बुद्ध जयंती है। आदेश में कहा गया है कि इस दौरान इंदौर और भोपाल नगर निगम की सीमा में सभी मांस-मटन की दुकानें बंद रहेंगी। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने अपने निर्देश में साफ कर दिया है कि इन दिनों में दुकानें बंद रखनी ही होगी, आदेश की अवहेलना करते हुए यदि कोई भी मांस विक्रय करते हुए इन दिनों में पाया गया तो सख्ती से आदेश का पालन भी कराया जाएगा। ठीक इसी तरह भोपाल में भी चेटीचंड, रामनवमी, महावीर जयंती और बुद्ध जयंती पर मांस मटन की दुकानें बंद रहेंगी। वहां पर भी नगर निगम ने शुक्रवार को यह आदेश जारी कर दिए हैं। भोपाल के आदेश में भी स्पष्ट है कि इन दिनों में यदि कोई भी मांस मटन बेचते हुए पाया गया तो उनका लाइसेंस निरस्त करते हुए पुलिस कार्रवाई की जाएगी। भोपाल के भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि हमारे देश में गंगा-जमुनी तहजीब है। कई नेता कहते हैं कि सभी को सभी धर्मों का आदर करना चाहिए। अब हिंदुओं ने एक छोटा सा निवेदन किया है तो सभी को हिंदुओं की भावनाओं का आदर करना चाहिए। सबको समझाएं, सबको बताएं, अगर सात-आठ दिन मांस नहीं खाएंगे तो कौन से धरती पर नहीं रहेंगे। हम डंडे के बल पर दुकानें बंद नहीं कराना चाहते हैं।