शौचालय कांड को दबाने में जुटे अधिकारी व जनप्रतिनिधि... आखिर क्यों? : NN81

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शौचालय कांड को दबाने में जुटे अधिकारी व जनप्रतिनिधि... आखिर क्यों? : NN81

03/03/2025 | मार्च 03, 2025 Last Updated 2025-03-03T09:36:40Z
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 Reported By: Mohammed Alam Khan

Edited By: Abhishek Vyas @abhishekvyas99  



शौचालय कांड को दबाने में जुटे अधिकारी व जनप्रतिनिधि... आखिर क्यों? : 

मालीपुरा में नगर परिषद के सार्वजनिक शौचालय तोड़े जाने की घटना को 7 दिन बीत गए, फिर भी नहीं हुई कार्रवाई

सुसनेर। मालीपुरा में सरकारी जमीन पर बने सार्वजनिक शौचालय को तोड़े जाने के मामले को अब अधिकारी व जनप्रतिनिधि दबाने में जुट गए हैं। सूत्रों के अनुसार, कुछ जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने भूमाफिया से मोटी रकम लेकर इस शौचालय को रातोंरात तुड़वाया। मामले में प्रशासन भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं कर पाया है।

गौरतलब है कि वर्षों पूर्व नगर परिषद ने वार्ड क्रमांक 9 के मालीपुरा में रहवासियों की सुविधा के लिए सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया था। अब इस शौचालय कांड की चर्चा पूरे नगर में फैल चुकी है, वहीं कुछ जनप्रतिनिधियों व भूमाफियाओं के नाम भी सामने आ रहे हैं।


सप्ताह बीत जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं

23 फरवरी की रात भूमाफियाओं ने मालीपुरा में बने इस शौचालय को तोड़ने की घटना को अंजाम दिया। अगले ही दिन, 24 फरवरी को यह मामला जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों के संज्ञान में आ गया था, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी आज तक प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर पाया है, जो अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा करता है।


इनकी कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल

शौचालय कांड में नगरीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। जब शौचालय तोड़ा गया, तो अगले ही दिन यह मामला सीएमओ के संज्ञान में आ गया था, लेकिन उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए थाना प्रभारी केसर राजपूत को सिर्फ कार्रवाई के लिए पत्र लिख दिया। जबकि उन्हें यह पता लगाना था कि शौचालय किस व्यक्ति ने तोड़ा और उसकी नामजद शिकायत थाना प्रभारी को देनी थी, ताकि पुलिस त्वरित कार्रवाई कर सके।

"मालीपुरा के शौचालय तोड़े जाने की घटना को लेकर नगर परिषद का आवेदन प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए हमने नगर परिषद के जिम्मेदारों को थाने पर बुलाया था, लेकिन कोई भी नहीं आया। दिए गए आवेदन में भी परिषद ने अधूरी जानकारी दी है। इसलिए इस मामले में सफलता हासिल करने में देरी हो रही है।"

— केसर राजपूत, थाना प्रभारी, सुसनेर।

"मेरे बेटे का स्वास्थ्य खराब है, मैं अस्पताल में हूं। मैं आपसे बाद में बात कर पाऊंगा।"

— ओ.पी. नागर, सीएमओ, नगर परिषद सुसनेर।