RTI में हुआ बड़ा खुलासा चैनपुर पंचायत सचिव ने एक दिन में खपाई 49 ट्राली रेत, 400 बोरी सीमेंट और 2000 फिट गिट्टी: NN81

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RTI में हुआ बड़ा खुलासा चैनपुर पंचायत सचिव ने एक दिन में खपाई 49 ट्राली रेत, 400 बोरी सीमेंट और 2000 फिट गिट्टी: NN81

06/05/2025 | मई 06, 2025 Last Updated 2025-05-06T07:21:50Z
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 Reported By: Maniram Soni

Edited By: Abhishek Vyas @abhishekvyas9




 RTI में हुआ बड़ा खुलासा चैनपुर पंचायत सचिव ने एक दिन में खपाई 49 ट्राली रेत, 400 बोरी सीमेंट और 2000 फिट गिट्टी:

एमसीबी /ग्राम पंचायत चैनपुर में भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़ी एक और "सीसी सड़क" की परतें अब उजागर होने लगी हैं। सूचना के अधिकार के तहत सामने आई जानकारी ने पंचायत सचिव की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ही दिन में 49 ट्राली रेत, 400 बोरी सीमेंट और 2000 फिट गिट्टी की आमद और खर्च दर्शाकर सचिव ने मानो निर्माण के रिकॉर्ड ही तोड़ दिए हैं आरटीआई में मिला स्टॉक रजिस्टर बना भ्रष्टाचार का आईना जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत चैनपुर के सचिव ने "सीसी सड़क (मदरसा रोड)" निर्माण के स्टॉक रजिस्टर में दर्शाया है कि इतनी बड़ी मात्रा में निर्माण सामग्री  एक ही दिन में आई और उसी दिन खप भी गई। न तो सामग्री की ढुलाई की जानकारी दी गई, न ही मजदूरों की संख्या या समयावधि का कोई स्पष्ट उल्लेख है।

विशेषज्ञों ने उठाए सवाल
स्थानीय निर्माण विशेषज्ञों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर सामग्री का एक दिन में उपयोग तकनीकी रूप से असंभव है। 49 ट्राली रेत और 400 बोरी सीमेंट किसी औसत पंचायत के निर्माण कार्य में एक हफ्ते से भी ज्यादा समय में खपती है।

क्या सिर्फ कागजों पर हुआ निर्माण?
शिकायतकर्ता ने जनपद सीईओ को भेजे पत्र में इस मामले को "दिखावटी निर्माण" करार देते हुए संदेह जताया है कि वास्तविक निर्माण कार्य या तो हुआ ही नहीं या बहुत सीमित रूप में हुआ, जबकि स्टॉक रजिस्टर में फर्जी आंकड़े दिखाकर लाखों रुपये की सामग्री हजम कर ली गई।

स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग
शिकायतकर्ता अशोक श्रीवास्तव ने पत्र में निर्माण कार्य का स्वतंत्र एजेंसी से भौतिक सत्यापन, सचिव पर वित्तीय अनियमितता की जांच और पंचायत स्तर पर स्टॉक रजिस्टर में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की है।

क्या जनपद पंचायत करेगी कार्रवाई?
अब देखना होगा कि जनपद पंचायत के उच्चाधिकारी इस भ्रष्टाचार के आरोपों पर क्या रुख अपनाते हैं। क्या पंचायत सचिव पर गाज गिरेगी या फिर यह मामला भी फाइलों में दफन हो जाएगा?