सांस लेना है ताली बजाओ , , की गूंज अब नहीं सुनाई देगा कवि सम्मेलन में, छग के प्रसिद्ध कवि सुरेंद्र दुबे का निधन, पढ़िए पूरी खबर - NN81

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सांस लेना है ताली बजाओ , , की गूंज अब नहीं सुनाई देगा कवि सम्मेलन में, छग के प्रसिद्ध कवि सुरेंद्र दुबे का निधन, पढ़िए पूरी खबर - NN81

27/06/2025 | जून 27, 2025 Last Updated 2025-06-27T09:17:59Z
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बलराम यादव

पाटन: छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध हास्य कवि पद्मश्री सुरेंद्र दुबे का निधन हो गया है। हार्टअटैक से उनके निधन की खबर है। एसीआई में उपचार के दौरान उनका निधन हुआ है। परिवार के करीबी ने उनके निधन की पुष्टि की है। पद्मश्री सुरेंद्र दुबे न सिर्फ छत्तीसगढ़ के ​कवि थे बल्कि वे एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बड़े कवि के रूप में भी जाने जाते थे।


मिली जानकारी के अनुसार दो दिन पहले ही सुरेंद्र दुबे को हार्टअटैक आया था, जिसके बाद उन्हे उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। सुरेंद्र दुबे की निधन की खबर के बाद रायपुर कलेक्टर मेकाहारा के एसीआई सेंटर पहुंचे हैं। मंत्री ओपी चौधरी में एसीआई सेंटर पहुंचे हैं।


गौरतलब है कि सुरेंद्र दुबे (Surendra Dubey) हास्य कविताओं के व्यंग्यवादी लेखक एवं कवि रहे हैं। वह पेशे से एक आयुर्वेदिक चिकित्सक भी थे। दुबे का जन्म 8 जनवरी 1953 को छत्तीसगढ़ में दुर्ग के बेमेतरा में हुआ था। उन्होंने कई किताबें भी लिखी। वह कई मंचों और टेलीविजन शो पर दिखाई देते रहे हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा 2010 में, देश के चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। वह 2008 में काका हाथ्री से हास्य रत्न पुरस्कार भी प्राप्त किए थे।


आपको बता दें कि सुरेंद्र दुबे (Surendra Dubey) हास्य कविताओं के व्यंग्यवादी लेखक एवं कवि रहे हैं। वह पेशे से एक आयुर्वेदिक चिकित्सक भी थे। दुबे का जन्म 8 जनवरी 1953 को छत्तीसगढ़ में दुर्ग के बेमेतरा में हुआ था। उन्होंने कई किताबें भी लिखी। वह कई मंचों और टेलीविजन शो पर दिखाई देते रहे हैं। उन्हें भारत सरकार द्वारा 2010 में, देश के चौथे उच्चतम भारतीय नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। वह 2008 में काका हाथ्री से हास्य रत्न पुरस्कार भी प्राप्त किए थे।