छत्तीसगढ़ राज्य के कोरिया जिले के जनदर्शन में पहुंचकर प्राथमिक दर्ज करने हेतु कलेक्टर चंदन त्रिपाठी जी से किया गया निवेदन - NN81

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छत्तीसगढ़ राज्य के कोरिया जिले के जनदर्शन में पहुंचकर प्राथमिक दर्ज करने हेतु कलेक्टर चंदन त्रिपाठी जी से किया गया निवेदन - NN81

09/06/2025 | जून 09, 2025 Last Updated 2025-06-09T11:40:34Z
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लोकेशन - एमसीबी (छ.ग. )  रिपोर्ट - मनीराम सोनी                                                                         

आवेदक ने जानकारी देकर बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के कोरिया जिले  के जनदर्शन में पहुंचकर जनदर्शन टोकन नंबर  0210225000703 सुरक्षा नंबर 155 आवेदन पत्र प्रस्तुत कर शिकायत की  की          सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत उक्त अनुसूचित क्षेत्र आदिम जनजाति क्षेत्र में राज्य सरकार एवं उसके अधीन ड्यूटी पदधारी व्यक्तियों का कार्यपालिक शक्ति प्राधिकार को लेकर कई बार जानकारी मांगी गई पर उनके द्वारा जानकारी नहीं दिया गया सूचना देने से अनुरोध पत्र से असर भाव पूर्वक इनकार करते हुए धारा 6 की उप धारा 1 के तहत प्रस्तुत शुल्क पब्लिक कर को ग्रहण कर लेते हैं और जानकारी नहीं देते उक्त कृत इनका अपराध और शास्त्रीय एवं संविधान के अनुच्छेद 265 के विपरीत है इससे यह साबित होता है कि इनका प्राधिकार उक्त क्षेत्र में नहीं है यह कानून और संविधान के विपरीत अपने पद का उपयोग कर अभिकर्ता के रूप में अवैध रूप से विधि का प्राधिकार बताकर व्यवसाय कर रहे हैं उक्त अधिनियम कानून संविधान और संविधान के अध्यक्ष माननीय राष्ट्रपति जी ने अनुसूचित क्षेत्र आदिम जनजाति क्षेत्र में प्राधिकार नहीं दिया है छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार एवं उसके अधीन ड्यूटी पर धारी व्यक्ति जो उक्त क्षेत्र में पद और कार्यालय का गठन का परिचालन अनुसूचित क्षेत्र आदिम जनजाति क्षेत्र दर्शित राजपत्रित शब्द को विलोपित कर जिले का नाम धारण कर पद का उपयोग कर रहे हैं वे संविधान और राष्ट्रपति के द्वारा अधिनियमित परिभाषित शब्दों को नहीं मानते इससे यह साबित होता है वह लोग संविधान और राष्ट्रपति से ऊपर वरिष्ठ पदधारी हैं राष्ट्रपति के द्वारा अधिनियमित परिभाषित शब्दों को विलोपित कर कार्य पद का उपयोग करने का प्राधिकार इनको किसने दिया जांच कराई जावे उक्त कृत्य संविधान और राष्ट्रपति का अपमान नहीं है यदि है तो उक्त पद धारी व्यक्तियों के विरुद्ध प्राथमिक की दर्ज कराई जावे(2)विधि व्यवसाय अधिनियम 1879 की धारा 19 कहता है जिसके पास धारा 18 के अधीन जारी किया गया प्रमाण पत्र है वही अभिकर्ता के रूप में विधि व्यवसाय कर सकता है अनुसूचित क्षेत्र कोरिया जिला के भूभाग परिक्षेत्र अंतर्गत विधि व्यवसाय करने वाले कलेक्टर अपर कलेक्टर कलेक्टर एवं अन्य कलेक्टरों अनुविभागीय  प्राधिकारी तहसीलदार  राजस्व निरीक्षक पटवारी के पदधारी व्यक्तियों के नाम उक्त क्षेत्र में अभिकर्ता के रूप में कार्य करने की अनुमति एवं प्रमाण पत्र उनके मुख्य नियंत्रक राजस्व प्राधिकारी के अधीन उक्त क्षेत्र की सीमाओं के भीतर स्थित किसी राजस्व कार्यालय में नामकित नहीं किया गया हैं वे बिना प्राधिकार के उक्त क्षेत्र में जनजाति समुदायों के स्वामित्व की भूमि रिकॉर्ड को अपने कब्जे में लेकर मनमानी कर रहे हैं जिससे भूमि को लेकर क्षेत्र में विवाद उत्पन्न हो रहा है वे बिना प्राधिकार के भूमि के दस्तावेजों में लेखन अधिप्रमाणन हस्तांतरण कर रहे हैं उक्त अनुसूचित क्षेत्र जिला कोरिया का भूभाग किसानों के भूमि का वर्ष 1947 48 की नक्शा कुछ पंचायतो का बिलुप्त कर दिया गया है जो उक्त क्षेत्र की जनजातियों का भूमि का विवाद का कारण उत्पन्न हो रहा है इनको निम्नलिखित कानून और संविधान में प्राधिकार नहीं दिया है                                       उक्त क्षेत्र में (1)विधि व्यवसाय अधिनियम 1879 की धारा 18,19 के तहत उक्त क्षेत्र में अभिकर्ता के रूप में प्राधिकार नहीं दिया है (२) भारत सरकार कार्य आवंटन नियम 1961 के तहत उक्त क्षेत्र में कार्य करने की अनुमति नहीं दिया है भारत के राज्य क्षेत्र के संविधान अनुच्छेद 299(२) के अधीन राष्ट्रपति की ओर से संविदाओ और संपत्ति के हस्तांतरण के निष्पादन के लिए प्राधिकृत नहीं  किया है (३) राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 77 के खंड 2 के तहत अधिप्रमाण आदेश और अन्य लिखतनियम 1958 के परिपालन में प्राधिकार नहीं दिया है (४) भारत सरकार कार्य आवंटन नियम 1961 की पहली अनुसूची में विनिर्दिष्ट मंत्रालयो में विभागों सचिवालय और कार्यालय में किसी निवेशक ड्रेसक अधिकारी के हस्ताक्षर के लिए प्राधिकार उक्त क्षेत्र के लिए नहीं दिया है (५) उक्त क्षेत्र में भू राजस्व सहायता 1959 लागू नहीं है (६) उक्त क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 लागू नहीं ह (७) भारत के राज्य क्षेत्र के संविधान अनुच्छेद 19(५)के तहत उपबंध क्षेत्र है (८) छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के द्वारा बनाई गई कानून अनुकूलन आदेश 2000 अधिसूचना क्रमांक 276/2000 परिरूपण विधि दिनांक 11 दिसंबर 2000( छत्तीसगढ़ राजपत्र ) असाधारण दिनांक 6 12 2000 प्रीस्ट 7(१) में प्रकाशित मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2002 क्रमांक 28 सन 2000 की धारा 79 द्वारा प्रदत शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार के द्वारा बनाई गई कानून का प्रधिकारउक्त क्षेत्रो में नहीं है मध्य प्रदेश न्यायालय अधिनियम 1996 (1997 का क्रमांक 2000 उक्त क्षेत्र में लागू नहीं है जिले का कलेक्टर एवं उक्त संगठन /विभाग का प्रमुख होने के नाते यह बताएं कि आपके नेतृत्व में संचालित संगठन /विभाग जो अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित क्षेत्र शब्द को विलोपित कर जिला कोरिया शब्द धारण कर संगठन /विभाग के कार्यालय कार्य पद अभिकर्ताओं का कार्य क्षेत्र के नाम पर संचालि संगठन / विभाग संविधान और उक्त दर्शित अधिनियमित / सविधान के अध्यक्ष माननीय राष्ट्रपति जी के द्वारा परिभाषित /अधिनियमित शब्द को नहीं मानते इनके राजपत्रित प्राधिकारी समस्त,संपूर्ण,जैसे शब्दों को धारण कर संगठन /विभाग और पद का परिचालन कर रहे हैं संविधान और संविधान के अध्यक्ष माननीय राष्ट्रपति एवअधिनियम से वरिष्ठ पदधारीव्यक्ति हैं तभी तो नहीं मानते आप इतना बता दीजिए आपके नेतृत्व में परिचालक संगठन /विभाग अनुसूचित क्षेत्र, आदिम जनजाति क्षेत्र में कौन से संवैधानिक मान्यता प्राप्त कानून से प्राप्त अधिकार के तहत शासित है उक्त कृत्य संविधान के अनुच्छेद 21,372 व 13(२) के विपरीत नहीं है उक्त क्षेत्र के जनजाति समुदायों के लोगों को अपनी आत्मरक्षा के साथ संवैधानिक प्रावधानों के तहत जीने का अधिकार नहीं है यदि है तो उक्त क्षेत्र में कानून संविधान के विपरीत बिना प्राधिकार के किए गए लेखन अधि प्रमाणन दस्तावेजों को अमान/शून्य घोषित किया जावे एवं शब्द विलोपित पदधारी  संगठन   /विभाग के पदधारीव्यक्तियों के विरुद्ध प्राथमिक की दर्ज कराई जावे की गई कार्रवाई की जानकारी आवेदक को भी अवगत कराई जावे उक्त क्षेत्र के जनजाति मूल निवासी होने के नाते ताकि हम भी तो जाने की आपका संगठन कौन से कानून और संविधान को मानती है  विधि विरुद्ध क्रियाकलप  निवारण अधिनियम के तहत इनका यह कृत क्या कानून और संविधान के विरुद्ध नहीं है यदि है तो इनके ऊपर मामला दर्ज किया जाए l