राजनांदगांव। जिले में संचालित निजी स्कूल संचालकों व दूकानदारो की मनमानी बदस्तूर जारी है। निजी स्कूल संचालकों ने कमीशन खोरी का ऐसा गिरोह बना लिया है कि इनके सामने अब राज्य सरकार व जिला प्रशासन नतमस्तक नजर आ रहा है।
निजी स्कूलो द्वारा जहां पहले शिक्षा के अधिकार के तहत गरीब बच्चों के एडमिशन में तो मनमानी की ही जाती थी वहीं अब कॉपी किताब व शैक्षणिक सामग्रियों की खरीदी में भी लुट शुरू कर दी गई है इसके लिए बाकायदा स्कूल संचालकों ने बुक डिपो व दूकानदारो से कमीशन का पूरा सिंडिकेट बना लिया है जिसमें सभी का कमीशन भी पहले ही तय है। आज ऐसा ही एक मामला राजनांदगांव शहर में संचालित निजी स्कूल की शिकायत जोहार छत्तीसगढ़ को पार्टी के जिला अध्यक्ष मनीष देवांगन ने कलेक्टर से की जिसमें उन्होंने बताया कि निजी स्कूलों द्वारा पहले तो किताबों की कीमत स्वयं ही मनमानी रूप से तय कर लिए हैं उससे भी जब इस कमीशन खोरी के सिंडिकेट ऑपरेटरों का मन नहीं भरा तो उन्होंने बिना MRP वाली सामग्रियों का विक्रय शुरू कर दिया जिस पर प्रकाशक व निर्माता की जानकारी ही दर्ज नहीं है जिससे न सिर्फ कमीशन खोरी व भ्रष्टाचार का खेल जारी है बल्कि राज्य सरकार को GST राजस्व की हानि भी हो रही है।
श्री देवांगन ने बताया कि इस शिक्षा माफियाओं का शिकार प्रत्येक छात्र एवं उसके परिजन हो रहे। जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही नहीं करने से उनके हौसले और भी बुलंद हो चुके हैं। जिला अध्यक्ष मनीष देवांगन ने अपने वक्तव में सीधे सीधे मुख्यमंत्री के ऊपर आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ का शिक्षा मंत्री होने के कारण उन्हे ही इस भ्रष्टाचार का संरक्षण दाता समझा जा सकता है। शिक्षा मंत्री के संरक्षण के बिना इतना बेखौफ होकर खुले आम लुट संभव ही नहीं है ।
जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के द्वारा इस ज्ञापन में प्रमुख छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना राजनांदगांव के जिला अध्यक्ष विजय साहू, रजनीश टंडन, छगन साहू, मनीष कुमार, सुभाष यादव, अजय कुमार आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।