हरदा जिले की तहसील सिराली ग्राम लोलागरा मैं रोड पर बह रहा है गंदा पानी रहवासी परेशान किसी जमाने में पंचों को परमेश्वर कहा जाता था, लेकिन वह दौर अब गुजर चुका है, अब तो पंचयती राज भगवान भरोसे चल रहा है, पंचायतों में सरकारी खजाने से आने वाली राशि की बंदरबांट का खेल जारी है, इसमे सरकारी कर्मचारियों और ग्रामीण जनप्रतिनिधियों में ज्यादा कमाई करने की होड़ लगी है। पंचायत के जिम्मेदार आंख बंद कर सरकार के खजाने को बट्टा लगा रहे है। राशि हड़पने की शिकायतें सरकार तक पहुंचती है, लेकिन नेताओं की छत्रछाया के चलते कार्यवाही टल जाती है।सरकार की तमाम सख्ती के बावजूद खिरकियां की ग्राम पंचायतों में फर्जीवाड़ा और घोटाला थमने का नाम नहीं ले रहा है, अक्सर ग्राम पंचायतों में चल रहे विकास कार्यों में घोटाले की खबरे सामने आती रहती है, ग्रामीण क्षेत्रों की भोली-भाली जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि अर्थात सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक और उपयंत्री द्वारा निर्माण कार्यों में तकनीको मापदण्डों एवं कायदों की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है, लेकिन शिकायतों के
बावजूद कार्यवाही न होना कहीं न कहीं वरिष्ठ प्रशसनिक अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगता है संभागायुक्त से की गई थी, ग्रामीणों ने शिकायत में उल्लेख किया था कि सीसी सडक निर्माण में उपयंत्री की मिली भगत से लायसेंसी ठेकेदारों से कार्य न करवा कर दबंगों द्वारा कार्य करवाया गया है, सीसी रोड के साथ नाली निर्माण में बेस में स्टीमेट के अनुसार कार्य नहीं हुआ
भ्रष्ट कर्मचारियों को अभयदान
भ्रष्टाचार को हम एक पंक्ति में परिभाषित नहीं कर सकते, किसी भी समाज में जब व्यवस्थाओं पर नियंत्रण करने वाले अनियंत्रित हो जाते हैं तो इसकी परिणति भ्रष्टाचार के रूप में होती है, जैसा कि हम देख रहे हैं। असल में हमारी बुनियाद ही खोखली है। लोलांगरा पंचायत में भ्रष्टाचार का रेला बह रहा है, लेकिन जिनके हाथों में इन्हें रोकने की जिम्मेदारी है, ऐसा लगता है उन्हें पंचायत के विकास से कोई सरोकार नहीं है। ऐसा नहीं है कि यह खेल चोरी छुपे चल रहा हो, सबकुछ जनपद के जिम्मेदारों के संरक्षण में चल रहा है, पूर्व में भी खिड़कियां जनपद में कई भ्रष्टाचार के मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन जिम्मेदारों ने भ्रष्ट कर्मचारियों को अभयदान दिया हुआ है।