छत्तीसगढ़ कोरबा से अजय तिवारी की रिपोर्ट
बड़ी खबर शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नोनबिररा में ओपन परीक्षा में नकल भी ओपन चल रहा
ओपन परीक्षा में नकल भी ओपन चल रहा, नकल रोकने प्रशासन और शिक्षा विभाग गंभीर नहीं..
प्रैक्टिकल फाइल के नाम से हर छात्राओं से 300 से 500 रुपए लिया गया.
कोरबा जिले में 10वीं एवं 12वीं की ओपन परीक्षा चल रहा है, जिसमें जमकर नकल कराया जा रहा है, ऐसे ही एक मामला करतला ब्लॉक ग्राम पंचायत नोनबिररा के शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में देखने को मिला, ओपन स्कूल बोर्ड परीक्षा में खुलेआम नकल कराई जा रही है, एवं प्रैक्टिकल फाइल के नाम से भी हर छात्राओं से 300 से 500 रुपए भी लिया गया, ओपन का परीक्षा दिलाने आए छात्र ने नाम ना बताने के शर्त पर कहा कि हेतराम नामक व्यक्ति द्वारा हम सभी से 8 से 10 हजार रुपए लिया गया, नकल करवाने को लेकर, वहीं छात्र ने बताया कि जिसकी जैसी सेटिंग उसे वैसे ही सुविधा दिया जाता है, मौजूद टीचर द्वारा चिट, किताब से लेकर मोबाइल फोन का इस्तेमाल पेपर सॉल्व करने के लिए किया जा रहा है. नकल कराने के लिए स्कूल के टीचर्स और अन्य कर्मचारी पैसे की उगाही कर रहे हैं, परीक्षा केंद्र में जाने से पहले स्टूडेंट्स से पैसे लिए जाते हैं. पैसे देने वाले स्टूडेंट्स अपने साथ सेंटर में मोबाइल, चिट और किताबें ले जाते हैं. और परीक्षा देते हैं. इतना ही नहीं, इतने सारे इंतजाम के बाद भी अगर स्टूडेंट पेपर में आए सवालों को हल नहीं कर पाते तो वो सवाल की फोटो खींचते हैं. बाहर बैठे अपने दोस्त और परिचितों को भेजते हैं. फिर वो सवाल का जवाब ढूंढते हैं
और उन्हें चिट या मोबाइल से फोटो कॉपी कर भेज देते हैं, जब हमारे संवाददाता ने शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नोनबिररा के ओपन परीक्षा केंद्र में चल रहे नकल को लेकर यहां के टीचर से बात की गई वहां मौजूद टीचर द्वारा एक दूसरे टीचर के नाम ले रहे थे एवं गोल मटोल जवाब देते दिखे। गोल मटोल जवाबों यह तो स्पष्ट हो गया था कि स्टूडेंट से पैसा लेकर नकल कराया जा रहा था। केंद्राध्यक्ष को इसकी जानकारी होने के बाद भी वे नकल पर रोक लगाने में सक्षम नहीं है। ऐसे में यहां जमकर नकल हो रहा है। प्रशासनिक अधिकारी जब केंद्र की जांच करने पहुंचते हैं, तो विद्यार्थी नकल को छुपा लेते हैं इसके लिए शिक्षक भी उनका सहयोग करते हैं। निरीक्षण दल के लौटने के बाद उन्हें फिर से नकल सामग्री दे दी जाती है। केंद्र के बाहर भी नकल कराने लोगों की भीड़ लगी रहती है। मगर नकल रोकने प्रशासन और शिक्षा विभाग गंभीर नहीं हैं।