छत्तीसगढ़ पोड़ी उपरोड़ा
नानाक राजपुत
स्लग :- NH130 पर दुर्घटना, कटघोरा के 108 एम्बुलेंस के स्टाफ EMT ने एक्सीडेंट के रिफर मरीज को बाडी के खून साफ करने के बाद 108 एम्बुलेंस मे डालने को लेकर करने लगी बहस, पोड़ी अस्पताल स्टॉफ व स्थानीय लोगो से हुई बहस, जिंदगी और मौत से जूझ रहा था मरीज।
कटघोरा से अंबिकापुर nh130 पर एक मवेशी के चलते बाईक मे सवार तीन लोग दुर्घटना का शिकार हो गए, वही एक व्यक्ति बुरी तरह जख्मी हो गया, ज़ख्म इतना गहरा था कि नाक कान व मुँह तीनो जगह से भारी मात्रा मे खून बहने लगे थे, व्यक्ति का नाम रुपेश कोसले है जो कि बिलासपुर का निवासी है, दरसल परसा कोल खदान एरिया मे काम करने वाले रुपेश व उसका भाई व एक साथी काम करके अपने घर बिलासपुर जा रहा था लेकिन पोड़ी उपरोड़ा क्षेत्र के नजदीक पहुंचते ही एक मवेशी सड़क पर आ गई जिससे बाइक मे सवार तीनो लोग दुर्घटना का शिकार हो गए, वही पीछे बैठे रुपेश को गहरी चोटे आई जिसकी भारी मात्रा मे खून बहने लगी, वही दुर्घटना स्थल मे एक पीकप कि मदद से खून से लथपथ रुपेश को पोड़ी समुदाईक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहा डॉ व नर्स स्टाफ ने फर्स्ट ट्रीटमेन्ट देकर मामला गंभीर होता देख तत्काल जिला चिकित्सालय रिफर करने कि बात कही गई, जहा धर्मसेना के सदस्य व स्थानीय लोगो द्वारा एम्बुलेंस तो बुलाई गइ लेकिन वह भी काफी देर से अस्पताल पहुंची, इधर रुपेश जिंदगी और मौत से जूझ रहा था उधर 108 एम्बुलेंस मे उपस्थित कर्मचारी Emt स्वेता द्वारा बॉडी के खून साफ करके एम्बुलेंस मे मरीज को रखने कि बात पर पोड़ी अस्पताल के नर्स व स्थानीय लोगो से बहस करने लगी, मरीज रुपेश कि स्थिति काफ़ी नाजुक थी क्युकी दुर्घटना इतनी जबरदस्त थी कि सायद किसी इन्शान का इतने समय तक सासे चलना नामुमकिन सा था लेकिन किस्मत तो देखिये कि रुपेश कि सांसे बरकरार थी, लेकिन कटघोरा 108 एम्बुलेंसन के कर्मचारी महज खून के धब्बे को साफ करने कि बात पर बहस करना वो भी इस कंडीसन मे ज़ब मरीज जिन्दगी और मौत से जूझ रहा हो वह कर्मचारी किसी मरीज के जान के साथ कैसे खिलवाड़ कर सकते हैं।
फिलहाल रुपेश को पोड़ी समुदाईक स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल तो रिफर कर दिया गया, लेकिन मामला यही खत्म नहीं होता क्युकी कटघोरा 108 एम्बुलेंस ड्यूटी मे तैनात EMT स्वेता द्वारा मरीज के साथ दुर्व्यवहार का यह पहला मामला नहीं है बल्कि ऐसे कई मामले सामने आ गये हैं, जहा ऐसी घटना देखने को मिलती है। कुछ प्रत्यक्षदर्शि लोगो का यह भी कहना है कि 108 मे उपस्थित EMT द्वारा पीछे मरीज के साथ बैठने के बजाये सामने ड्राइवर सीट पर बैठकर सफर तय करते हैं जिन्हे मरीजों कि जान कि परवाह ही नहीं होती।