कलेक्टर के निर्देश पर 500 मैट्रिक टन डीएपी समितियों पर कराया गया भण्डारण
जिला गुना से गोलू सेन की रिपोर्ट
दिनांक 06 जून 2024 को कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह द्वारा जिले में आ रही खाद की समस्या को देखते हुये जिला विपणन अधिकारी, उपसंचालक कृषि को निर्देशित किया था कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. गुना के अधिनस्थ 62 सहकारी समितियों में खाद भंडारण का रूट प्लान भी तैयार किया जाये, तत्काल खाद भंडारण किया जायें कृषकों को वाजिब दाम पर खाद उपलब्ध कराया जावे एवं मिलावटी खाद का विक्रय न हो, इस हेतु खाद के निरीक्षण व पर्यवेक्षण के लिये कृषि विभाग के एसएडीओ, आरईओ तथा सहकारिता विभाग के निरीक्षक की पृथक-पृथक टीम गठित की जाकर टीम के द्वारा समिति अथवा डबल लॉक पर खाद पहुंचाने के पूर्व की व्यवस्था से लेकर किसानों को खाद वितरण तक की व्यवस्था का बारीकी से निरीक्षण किया जावे।
कलेक्टर डॉ. सिंह द्वारा समीक्षा के दौरान 22 समितियों (मुरादपुर, ढोलबाज, मावन, पगारा, म्याना, मगराना, टकनेरा, चकदेवपुर, बमौरी, रामपुरकालोनी, चीमरामपुर, फतेहगढ़, कपासी, आरोन, सालय, खामखेडा, देहरीकलां, मुडराखुर्द, गावरी, आवन, रामनगर, बडाआमल्या) में 25 मेट्रिक टन प्रति समिति के हिसाब से दिनांक 06 जून 2024 तक 550 मेट्रिक टन खाद भंडारण कराये जाने के भी निर्देश जिला विपणन अधिकारी एवं उपसंचालक कृषि जिला गुना को दिये गये।
कलेक्टर द्वारा दिये गये निर्देशों एवं प्रयासों का असर यह हुआ है जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. गुना के अधिनस्थ 20 समितियों में (आरोन, सालय, खामखेडा, मूडराखुर्द, गावरी, आवन, रामनगर, बडाअमाल्या, चांचौडा, कुरवाई, पैंची, कालोनी, चीमरामपुर, मगरोडा, मुरादपुर आदि में रैक से सीधे एफओआर आधार पर एवं डबल लॉक केन्द्रों से समितियों के द्वारा 500 मैट्रिक टन डीएपी समितियों पर भण्डारण कराया गया।
म.प्र. शासन के निर्देशानुसार भण्डारित खाद का वितरण पैक्स के ऐसे सदस्य, जो नियमित है एवं नगद में खाद प्राप्त करना चाहते है, तो नगद में खाद की प्राइसपर ही प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही जो कृषक नियमित न होकर कालातीत है एवं उनके द्वारा कालातीत राशि जमा कर दी जाती है तो वह कृषक भी नगद में खाद प्राप्त कर सकते हैं। जिला गुना में आज सायं तक लगभग 900 मेट्रिक टन डीएपी खाद का भण्डारण सहकारी समितियों में कर दिया जावेगा। अकालातीत सदस्य अपने ग्राम की सहकारी समिति से वाजिब दाम पर 05 बैग प्रति हेक्टर के मान से खाद प्राप्त कर सकते हैं।