समय देखकर पढ़ाई नहीं करती थी केवल अपने कंटेंट पर फोकस करती थी।" - अंजनी यादव, उपजिलाधिकारी नानपारा : NN81 :

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समय देखकर पढ़ाई नहीं करती थी केवल अपने कंटेंट पर फोकस करती थी।" - अंजनी यादव, उपजिलाधिकारी नानपारा : NN81 :

03/02/2025 | फ़रवरी 03, 2025 Last Updated 2025-02-03T18:50:07Z
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 Reported By: Prakash Shreevastav 

Edited By: Abhishek Vyas @abhishekvyas99  


"मैं परीक्षा की तैयारी के दौरान समय देखकर पढ़ाई नहीं करती थी। केवल अपने कंटेंट पर फोकस करती थी।" - अंजनी यादव, उपजिलाधिकारी नानपारा: 

नानपारा, बहराइच। तहसील नानपारा की नवागत उपजिलाधिकारी सुश्री अंजनी यादव ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षा 2023 में 12वीं रैंक हासिल करके नारी साशक्तिकरण की मिशाल पेश की है। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में जन्मी सुश्री यादव ने बतौर उपजिलाधिकारी नानपारा में कार्यभार ग्रहण किया है।


पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की

एक साक्षात्कार के दौरान सुश्री अंजनी यादव ने बताया कि उन्होंने शुरुआती शिक्षा लखनऊ पब्लिक स्कूल से प्राप्त की, बीटेक किया और यूपी पीसीएस की तैयारी अथक परिश्रम व लगन से करते हुए पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की। आज उनके एसडीएम बन जाने पर पारिवारीजन गौरवान्वित महसूस करते हैं। उनके परिवार में सब एक से बढ़कर एक हैं। पिता प्रदीप यादव लखनऊ के पुलिस हेडक्वार्टर में तैनात रहे हैं और उनकी बड़ी बहन कानपुर में डिप्टी जेलर के पद पर कार्यरत हैं। आगे कहा कि कुछ महीनों के लिए उन्होंने यूपीपीसीएल में भी रही हैं अब बतौर एसडीएम जो जिम्मेदारी मिली है पूरा प्रयास रहेगा कि वह उस पर खरी उतर सकें। 


आज के बच्चों के लिए उन्होंने संदेश देते हुए कहा

पढ़ाई एवं संघर्ष के सवाल पर उन्होंने कहा कि मध्यमवर्गीय परिवार में लड़कियों का एकमात्र सहारा पढ़ाई ही होता है जिसे अपनाकर अपना भविष्य सुरक्षित किया जा सकता है। आज के बच्चों के लिए उन्होंने संदेश देते हुए कहा कि सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखें, इंटरनेट का प्रयोग कम से कम करें, उसे केवल क्रिएटिव वे में ही इस्तेमाल किया जाए। पढ़ाई के दौरान केवल अपने विषय पर फोकस किया जाए, देश दुनिया की गतिविधियों पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बच्चियों के लिए प्रेरणात्मक बातें बताते हुए कहा कि अपने जीवन के लक्ष्य के लिए संघर्ष जरूर करें, अन्य जरूरतों जैसे पहनावा, स्मार्ट फोन, फैशन की उपेक्षा की जा सकती है लेकिन पढ़ाई के लिए एकाग्रचित्तता के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं। उन्होंने अपनी सफलता और पद का श्रेय अपने परिजनों को दिया।