महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनीं बिछौली गांव की संगीता मालवीय: NN81

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महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनीं बिछौली गांव की संगीता मालवीय: NN81

07/03/2025 | मार्च 07, 2025 Last Updated 2025-03-07T11:21:10Z
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 Reported By: Sharad Sharma 

Edited By: Abhishek Vyas @abhishekvyas99 


महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनीं बिछौली गांव की संगीता मालवीय, 6 हजार ऋण लेकर शुरू की औषधीय पौधों की खेती, आज फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी की डारेक्टर है, कंपनी का टर्नओर 5 करोड़ 80 लाख रूपए से अधिक है:

 सीहोर (मध्यप्रदेश) - बीते कुछ सालों में चूल्हा-चौका तक सीमित रहने वाली ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाए अब घर की चार दीवारी से बाहर निकल कर  न केवल परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने में योगदान रे रही हैं, बल्कि आत्म निर्भर और स्वावलम्बी बन रहीं हैं। अब वे घर-परिवार और अपने फैसले खुद ले रहीं हैं। समाज में अपनी एक अलग पहचान भी बना रही हैं। जिले की महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में स्व-सहायता समूह महत्वपूर्ण रोल अदा कर रहे हैं।

 

  सीहोर के इछावर विकासखण्ड के बिछौली गावं की संगीता मालवीय एक ऐसी सफल महिला है, जिसने स्व-सहायता समूह से जुड़कर आपने काम की शुरूआत की और आज वह एक फार्मर प्रोड्यूशर कंपनी की डारेक्टर है। इस फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी का का टर्न और 05 करोड़ 83 लाख रूपए है और उनके समूह ने बीते 10 महिनों 12 लाख रूपए की आय आर्जित की है।

 

 श्रीमती संगीता मालवीय ने न केवल अपनी एक अलग पहचान बनाई है, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गई है। मां गौरी आजीविका स्वसहायता समूह की श्रीमती संगीता मालवीय बताती हैं कि मैने 25 रूपये की बचत के साथ समूह से जुड़कर ऋण लेकर काम शुरू किया था। मेरी सक्रियता को देखते हुए मुझे ग्राम संगठन में चुना गया। मैने समूह से 06 हजार रूपये का ऋण लेकर औषधीय खेती प्रारंभ की। इससे मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर होने लगी। अब मेरी आमदनी 01 लाख 20 हजार सालाना हो गई है। इसके साथ ही मैं यहां की फॉर्मल प्रोड्यूसर कंपनी की डायरेक्टर भी बन गई हूं । स्व सहायता समूह के माध्यम से मेरी अपनी एक पहचान बन गई है। श्रीमती संगीता मालवीय अपनी इस सफलता के बारे में  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मिलकर उन्हें बता चुकी हैं।

 

संगीता बतातीं हैं कि उनके समूह द्वारा बनाई गई फॉर्मल प्रोड्यूसर कंपनी में 2000 से अधिक किसान जुड़े है। कंपनी द्वारा बीज और गेहूं सोयाबीन, मक्का, खरीदी का काम किया जाता है। कंपनी का अभी तक का टर्नओवर 5 करोड़ 83 लाख तक पहुंच गया है। इसके साथ ही स्वसहायता समूह की इस साल अभी तक 12 लाख से भी अधिक आय हुई है।  श्रीमती संगीता ने बताया कि  हमारे समूह से दो हजार से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं। इनमें से 1200 दीदिया लखपति बन चुकी हैं।

 

श्रीमती संगीता बताती हैं कि मैंने सरकार की ड्रोन दीदी योजना अंतर्गत प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है और अब ड्रोन उड़ाने का कार्य भी कर रही हूं। उन्होंने बताया कि उनके स्व-सहायता समूह की महिलाएं फसलों के उपार्जन का काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि विगत 07 वर्षों के सफर में स्वयं की  आर्थिक स्थिती मजबूत बनाने के साथ ही सैकड़ों महिलाओं के जीवन में परिवर्तन लाने का प्रयत्न किया और उन्हें विभिन्न गतिविधियों से जोड़ते हुए आज लखपति दीदी की श्रेणी में ला कर खड़ा किया है। सीहोर जिले की श्रीमती संगीता मालवीय महिला सशक्तिकरण की एक मिशाल हैं।