नंदुरबार में मुस्लिम समाज की चुनावी जागरूकता: "अब काम का हिसाब चाहिए - NN81

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नंदुरबार में मुस्लिम समाज की चुनावी जागरूकता: "अब काम का हिसाब चाहिए - NN81

02/06/2025 | जून 02, 2025 Last Updated 2025-06-02T06:41:12Z
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महारास्ट्र नंदुरबार (जाविद शेख )


नंदुरबार नगरपरिषद के आगामी चुनावों में मुस्लिम समाज की राजनीतिक जागरूकता और उसके मांगों का स्वर स्पष्ट होता दिख रहा है। पिछले चुनावों में जिन नेताओं को उन्होंने समर्थन दिया, अब वही समाज उनसे सवाल कर रहे हैं, "आपने हमारे लिए क्या किया?"


स्थानीय मुस्लिम समुदाय के सदस्यों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में कई निर्वाचित प्रतिनिधियों ने न केवल उनकी उम्मीदों को तोड़ा है, बल्कि समाज की बुनियादी समस्याओं को भी अनदेखा किया है। आरोप है कि कुछ नगरसेवक केवल अपने निजी लाभ के लिए राजनीति करते रहे हैं, जबकि स्ट्रीट लाईट, गटर, साफ-सफाई, पानी, शिक्षा और बेरोजगारी जैसे मुद्दे जस के तस बने हुए हैं।


मुस्लिम बहुल क्षेत्रों जैसे मुजावर मोहल्ला, मच्छी बाजार और चिराग गल्ली में बुनियादी ढांचे की बदहाली की स्थिति को लेकर समाज में गहरा आक्रोश है। स्थानियों ने बताया कि इन इलाकों में नालियों का गंदा होना, बस्तियों से लगकर कचरे के अंबार, गलियों में केवल नाम के स्ट्रीट लाइट और स्कूलों की जर्जर स्थिति, खेलने को ग्राउंड नहीं, किसी सरकारी योजना को ज़िम्मेदारी से समाज तक लाने में उदासीनता ने उनकी जिंदगी को मुश्किल बना दिया है।


इस बार समाज ने स्पष्ट रूप से निर्णय लिया है कि ऐसे नेताओं को वोट नहीं दिया जाएगा जो चुनाव के वक्त सिर्फ दिखावे के लिए सामने आते हैं। एक स्थानीय समाजसेवी ने कहा, "हमें ऐसा नेतृत्व चाहिए जो पांच वर्षों तक हमारे साथ खड़ा रहे और हमारी समस्याओं का समाधान ढूंढ़े।"


इस परिप्रेक्ष्य में, कुछ युवा और ईमानदार कार्यकर्ता अब चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। मुस्लिम समाज ने पहली बार गंभीरता से यह तय किया है कि वे केवल ऐसे नेताओं को अपना समर्थन देंगे जो पारदर्शिता और कार्य में भरोसा दिला सकें, न की सिर्फ त्यौहार पर टोपी लगाकर गले मिल ले, खजूर और शीरखुरमा भी हमारा खाए और अगले इलेक्शन तक समाज को टोपी पहनादें!


नंदुरबार के मुस्लिम समाज की यह नई सोच स्पष्ट करती है कि इस बार वोट केवल काम के आधार पर दिया जाएगा, न कि धर्म या पार्टी के नाम पर। यह परिवर्तन एक सकारात्मक संकेत है कि समाज अब अपने अधिकारों और आवश्यकताओं को लेकर गंभीर है और जिम्मेदार नेतृत्व की मांग कर रहा है।