राष्ट्रभक्ति की भावना अपने चरम पर थी, और हर आँख नम थी उन वीरों की स्मृति में… जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा में अपने प्राण अर्पित कर दिए। NN81

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राष्ट्रभक्ति की भावना अपने चरम पर थी, और हर आँख नम थी उन वीरों की स्मृति में… जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा में अपने प्राण अर्पित कर दिए। NN81

15/06/2025 | जून 15, 2025 Last Updated 2025-06-15T18:15:06Z
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आष्टा, जिला सीहोर, मध्यप्रदेश

रिपोर्ट राजीव गुप्ता आष्टा जिला सीहोर एमपी 


आज हम आपको लेकर चल रहे हैं एक ऐसे आयोजन में… जहाँ राष्ट्रभक्ति की भावना अपने चरम पर थी, और हर आँख नम थी उन वीरों की स्मृति में… जिन्होंने राष्ट्र की रक्षा में अपने प्राण अर्पित कर दिए।


 मौका था – भारतीय सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान का प्रतीक — गलवान घाटी बलिदान दिवस।

🌿 इस पावन अवसर पर ग्रीनफील्ड लॉ कॉलेज, आष्टा के कॉन्फ्रेंस हॉल में एक दिवसीय “राष्ट्र प्रहरी सेमिनार” का आयोजन किया गया।


यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि नहीं था, बल्कि एक संदेश था — कर्तव्य, साहस और सेवा का।


🎖️ कार्यक्रम की मुख्य झलकियाँ:


👉 कार्यक्रम की शुरुआत शहीद वीर जवानों को सामूहिक श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई।

👉 इसके उपरांत 15 अग्निवीरों का भावपूर्ण सम्मान समारोह आयोजित किया गया।

👉 राष्ट्रगान एवं वीर रस से ओतप्रोत नारों ने पूरे वातावरण को देशभक्ति की ऊर्जा से भर दिया।

👉 वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण और राष्ट्र सेवा का साझा संदेश भी दिया गया।


🙏 विशिष्ट अतिथि गण:


कैप्टन सरदार सिंह रावत – देवास

कैप्टन जे. एन. प्रसाद – इंदौर

एयर फोर्स ऑफिसर श्री नवीन गुप्ता – भोपाल

श्री संजीव जैन – विदिशा

पूज्य मुनि विनम्र सागर जी महाराज के प्रतिनिधि

श्री धर्मेंद्र गौतम

अजब सिंह राजपूत, बीआरसी

श्री जितेंद्र गुठाणिया, शिक्षक

श्री संजय जैन, शिक्षक

श्री नारायण जाट

श्री भूरू मुकाती

श्री मनीष डोंगरे

श्री संजीव दीक्षित

एक्स सर्विसमैन वेलफेयर सोसाइटी के 50 पदाधिकारी उपस्थित रहे।


👩‍👧‍👧 सहयोगकर्ता संस्थाएँ:

इनर व्हील क्लब, आष्टा

मारवाड़ी महिला संगठन, आष्टा

 इस अवसर पर पहलगाम ऑपरेशन, सिंदूर मिशन, अहमदाबाद एयरोप्लेन क्रैश, गलवान घाटी में बलिदान हुए दानिश सैनिक सहित सभी शहीद वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।


यह आयोजन केवल अतीत के बलिदानों को याद करने के लिए नहीं था,

बल्कि आने वाली पीढ़ियों को यह बताने के लिए था कि

एक सच्चा राष्ट्रप्रेमी सीमा पर ही नहीं, समाज और पर्यावरण की सेवा में भी प्रहरी होता है।