बालाघाट खेमराज सिंह बनाफर
लांजी बढ़ाते हुए वायु प्रदूषण को मद्देनजर सरकार राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने खुली जगहों पर कूड़ा नहीं जलाने की निर्देश दिए हैं लेकिन इन निर्देशों के बावजूद खुले में कूड़ा जलाने का सिलसिला नहीं थम रहा है इलाके की सड़कों के किनारे डलाव घर के आसपास, मंदिरों के आसपास व खुली जगहों पर अक्सर कूड़ा जलते हुए देखा जा सकता है वैसे तो ज्यादातर घरों से निकलने वाला दैनिक कूड़ा और सूखे पत्तों को ही जलाया जाता है लेकिन इसमें शामिल प्लास्टिक वेट् हवा को प्रदूषित करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं लिहाजा इसमें सख्त नियम के अलावा लोगों में जागरूकता भी जरूरी है क्षेत्र में रोजाना खुले में कचरा जलाया जा रहा है अधिकारियों को उसकी जानकारी होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है इस बारे में स्थानीय लोगों की तरफ से कई बार अधिकारियों को शिकायत दी जा चुकी है क्षेत्र में रोजाना कचरा जलाया जा रहा है नगर निगम की तरफ से सफाई के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं और नगर निगम के द्वारा दुकानों में स्टीकर भी लगाए गए हैं कि खुले में कचरा नहीं जलाना इसके बाद भी रोजाना इतना कचरा कहां से आ रहा है इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए क्षेत्र में लगातार चारों ओर कचरा जलाया जा रहा है पर भी नगर निगम एवं प्रशासन का इस पर जरा सा भी ध्यान नहीं है। ठीक उसी प्रकार श्मशान घाट के आसपास फैला रहे कचरा अब वही श्मशान घाट लोगों को कचरा फेंकने के काम आ रहा है गंदगी और बदबू के बीच लोगों के लिए अपने दिवंगतों का अंतिम संस्कार करना मजबूरी बन गई है और ना ही वहा सफाई की ओर ध्यान दिया जा रहा है नगर निगम के द्वारा भी वहां सफाई की ओर ध्यान नहीं दिया जाता और शमशान घाट की छत भी उजड़ी हुई है इस पर भी नगर निगम का कोई ध्यान नहीं है और ना ही उजड़ी हुई छत की ओर ध्यान दिया जा रहा है प्रशासन का भी ईश ओर कोई ध्यान नहीं है जबकि ठीक सामने महादेव जी का मंदिर भी है और मंदिर के चारों तरफ पूरा कचरा फैला हुआ ही रहता है सफाई की ओर किसी प्रशासन का ध्यान नहीं है। गंदगी का आलम फैल ही रहता है और खुले में कचरा जलाकर सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।