जघन्य एवं सनसनीखेज अपराध में हत्या करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास व अर्थदण्ड से दण्डित किया गया । NN81

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जघन्य एवं सनसनीखेज अपराध में हत्या करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास व अर्थदण्ड से दण्डित किया गया । NN81

16/06/2025 | जून 16, 2025 Last Updated 2025-06-16T08:20:01Z
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रिपोर्ट राजीव गुप्ता आष्टा जिला सीहोर एमपी 

आष्टा। माननीय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री महेश कुमार चौहान, तहसील आष्टा, जिला सीहोर की न्यायालय ने दिनांक 14 जून 2025 को एक ऐतिहासिक एवं महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए हत्या के एक सनसनीखेज मामले में आरोपी विजय श्रीवास्तव को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही न्यायालय ने आरोपी पर अर्थदंड भी लगाया।


🔹सजा का विवरण:

👉 धारा 302 भादवि के अंतर्गत — आजीवन कारावास व ₹1000/- का जुर्माना

👉 धारा 324 भादवि के अंतर्गत — 1 वर्ष का सश्रम कारावास व ₹500/- का जुर्माना


🔹मामले का घटनाक्रम:

अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी श्री देवेंद्र सिंह ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि यह घटना दिनांक 31 दिसंबर 2023 की है। फरियादी अजय श्रीवास्तव अपनी पत्नी रेखा श्रीवास्तव के साथ अपने खेत में प्याज की बुआई कर रहा था। इसी दौरान उसका भाई विजय श्रीवास्तव (पिता - भगवती प्रसाद श्रीवास्तव, उम्र 35 वर्ष, निवासी अरनिया दाऊद, आष्टा) वहां पहुंचा और जमीन को लेकर विवाद करने लगा।


विवाद इतना बढ़ गया कि आरोपी विजय ने खेत में रखी कुल्हाड़ी उठाकर अपनी भाभी रेखा श्रीवास्तव पर जानलेवा हमला कर दिया। आरोपी ने महिला के सिर, चेहरे और नाक पर कुल्हाड़ी से वार किए जिससे वह लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़ी। जब अजय ने अपनी पत्नी को बचाने का प्रयास किया तो आरोपी ने उसे भी कुल्हाड़ी मारी जिससे अजय के हाथ में गंभीर चोट आई।


शोरगुल सुनकर गांववाले पहुंचे और आरोपी विजय को पकड़ लिया। गंभीर रूप से घायल रेखा को पहले सिविल अस्पताल आष्टा और फिर जिला अस्पताल सीहोर रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


🔹पुलिस कार्रवाई:

फरियादी अजय श्रीवास्तव की रिपोर्ट पर थाना आष्टा में अपराध क्रमांक 764/23 अंतर्गत धारा 294, 307, 302, 506 भादवि के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस द्वारा संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।


🔹न्यायिक निर्णय:

मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य, गवाहों की गवाही और अंतिम बहस के आधार पर माननीय न्यायालय ने अभियुक्त विजय श्रीवास्तव को दोषसिद्ध पाया और उपरोक्त सजा सुनाई। शासन की ओर से इस मामले की प्रभावी पैरवी अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी श्री देवेंद्र सिंह ठाकुर द्वारा की गई।