छत्तीसगढ़ पोंडी उपरोड़ा
रिपोर्ट :- नानक राजपूत
बेमौसम बारिश व हाथियों के आतंक ने बढ़ाई किसानों कि परेशानी, किया फसलों कों बर्बाद,
पोंडी उपरोड़ा :- एक ओर जहा बारिश कि मार ने किसानो कि परेशानी बढ़ाई वही दूसरी ओर गजराज के आतंक ने ग्रामीनो का जीना मुश्किल क़र दिया है दरसल पिछले एक सप्ताह से पोंडी उपरोड़ा क्षेत्र मे हाथियों के झुण्ड ने जमकर उत्पात मचाया है, ग्रामीणों के खेत मे रखे धान कों बर्बाद करने के साथ साथ सब्जी कि फसलों कों भी नुकसान किया है मगर लगतार हो रहे नुकसान के बदले मुआवजा देने कि बात कहने के अलावा वन विभाग भी इनको खदेड़ने मे लाचार साबित हो रहा है। पोंडी निवासी नंदू पटेल ने साल भर से जिस बाड़ी मे दिन रात एक करके सब्जी लगाया था उसे चंद घंटो मे ही हाथियो ने बर्बाद क़र दिया, लेपरा ग्राम से किसानो ने धान कि कटाइ क़र धान कि करपा खेत मे ही रखे हुए थे लेकिन किसानों कों क्या मालूम था कि उनके मुँह का निवाला ये गजराज छीन लेंगे, लेपरा क्षेत्र के किसानो द्वारा कीमती धान राम जीरा, चीनी शक़्कर, धान कि पैदावार अधिक कि जाती है धान जिसकी मार्केट क़ीमत 60 से 70रु प्रति किलो कि दर से बिक्री कि जाती हैँ धान कि बर्बादी हुए किसानों मे शीवदास महंत, महेंद्र सिंह, बाबूलाल, जगभूषण सिंह, चंद्र शेखर, मोहपाल सिंह, पृथ्वी राज सिंह, सुरपाल शामिल हैं शिवदास महंत ने बताया लेपरा पंचायत मे लगभग 10 एकड़ मे धान कि फसले बर्बाद हुई हैं, उनका कहना है पिछले एक सप्ताह से लगभग 40 हाथियो के झुण्ड ने सबको दहशत मे ला दिया रात मे जाग क़र फटाखे व बाजा बजाकर हाथियों कों दूर करने कि कोसीस करते हैं,
इधर वन विभाग के कर्मचारी भी अपनी पुरु टीम भेजकर हाथियों कों काबू करने का प्रयास क़र तो रहे लेकिन महज कोसिस के अलावा वे भी लाचार साबित हो रहे, हलाकि वन अमला फ़सल बर्बादी मे अपनी विभागीय प्रक्रिया तो कि है लेकिन किसानो कि इतनी बडी बर्बादी मे यह मुवावजा बडी ज़ख्म मे मलहम के समान साबित हो रही है, विभाग का मानना है हाथियों का ज्यादा भ्रमण बाँधापारा, लेपरा, ऐतमा, झाबर, रापेर, केंडई, वन क्षेत्र मे होता है, बताया जाता है कि झुण्ड से एक हाथी पिछले कई दिनों से गुरसिया मार्ग मे NH 130 पर आकर भ्रमण क़रता हैँ और अवगमन अवरुद्ध कर देता हैँ,, लेकिन निगरानी के अलावा दूसरा कोई उपाए वन विभाग के तरफ से देखने कों नहीं मिल रहा। यही हाल रहा तो वो समय दूर नहीं ज़ब कोई बड़ा हादसा हो जाये।