गुना जिले से संवाददाता योगी
नाथ समाज द्वारा बनाया गया धूमधाम से शिव मंदिर पुरानी छावनी पर रामलाल प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम किया गया
कार्यक्रम में सभी नाथ समाज बंदू मौजूद रहे सभी लोगों ने अयोध्या में चल रहे रामलला प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बुजुर्गों का माला पहनकर और पेर धोकर बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया और विधि पूर्वक राम लला प्राण प्रतिष्ठा की गई दूर दूर से आए हुए समाज बंधुओं का स्वागत किया गया और समाज में फे ल रही बुराई को खत्म कर अच्छाई का रास्ता बताने का संदेश दिया जिस तरह श्री राम ने 12 बरस बनवास काटकर राक्षसों का बंद किया उसी तरह समाज में फैली हुई बुराइयों को खत्म कर अच्छाई का रास्ता दिखाने का संदेश दिया
कार्यक्रम मे अहम भूमिका शिवचरण योगी जी की रही गुरु गोरखनाथ शब्द बहुत बड़ा होता है इसका मुख्य महत्व नाथ संप्रदाय समस्त देश में बिखरा हुआ था गुरु गोरखनाथ ने इस संप्रदाय के विकराल और इस संप्रदाय की योग विधाओं का एकत्रित किया इसकी स्थापक गुरु गोरखनाथ माने जाते हैं नाथ संप्रदाय में योगी और जोगी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं एक जो सन्यासी जीवन और दूसरा ग्रस्त जीवन व्यतीत करता है
नाथ साधु संत भगवा रंग के बिना सिले वस्त्र धारण करते हैं यह योगी अपने गले में काली उन का एक जानू रखते हैं जिसे शैली कहते हैं और गले में इन दोनों को शैली कहते हैं उनके एक हाथ में चिमटा दूसरे हाथ में कमंडल दोनों कानों में कुंडल कमर के कमरबंद होता है जटाधारी होते हैं नाथ पंक्ति भजन गाते हुए घूमते हैं और दीक्षा मांग कर अपना जीवन व्यतीत करते हैं उम्र के अंतिम चरण में किसी एक साथ एक स्थान पर रख कर नहीं रहते अखंड धूनी रमाते हैं कुछ नाथ हिमालय की गुफाओं पर भी जाकर रहते हैं
आठवीं और नवी सदी के युग में सिद्ध तंत्र परंपराओं और पारंगत प्रयोग के लिए मशहूर महर्षि मोक्ष ढूंढनाथ मशहूर हुए महायोगी और योगियों के ऊपर बहुत सारी व्याख्या है जो हर व्यक्ति को इसकी जानकारी नहीं है नाथ संप्रदाय सबसे बड़ा संप्रदाय माना जाता है