लोकेशन,व्योहारी
संवाददाता। विकाश यादव
सेवा जोहार,
पुरखा पेनता दाई खेरो दाई के आशिर्वाद आदेशानुसार लगातार 2013 से 11वॉ वर्ष दिनांक - 26 मार्च 2024। यह कार्यक्रम समय स्थान पर प्रति वर्ष की भांति कार्यक्रम आदिवासी समाज की आन बान और शान को बचाये रखने के लिए गोडवाना सांस्कृतिक विजय महोत्सव के रूप में देव गढ़ी डोगरी ठाना ग्राम छुही थाना पपौध जिला शहडोल में मनाया गया। क्यों जरूरत पड़ी हमे क्योकि इसके पीछे बहुत बड़ा इतिहास छुपा हैं। संस्कृतिक विजय महोत्सव का नाम ही रूढी गांव की भाषा में धुलेहड़ी कहा जाता हैं। गांव का सेवाइक भुमका पंडा अपनी संस्कृति विजय उत्सव को घर घर ढोल नगाड़ा गाजे बाजा के साथ जन जन से मिल कर खुशिया मनाया जाता हैं। और भभूत का टीका लगाकर लम्बे उम्र की कामना करते है आशिर्वाद देते है। आज हमे अपने आदिवासी संस्कृति को जानना और पहचानना होगा। आज भी गांव में पुराने बूढे दादा दाई भुमका पंडा इसके बारे में बताते हैं। गीत संगीतो के माध्यम से सुनने को मिलता हैं। बस उसे गहराई से समझने की जरूरत हैं। हमे दूसरो के दिखावा नही बल्की अपनी संस्कृति सभ्यता को बनाये रखने के लिए गांव खेर के पुरखा पेन दाई खेरो दाई, मुठवा बाबा, घटवाइया दाई,भिमसेन बाबा, पाठ बाबा, ठाकुर बाबा, बढौना बाबा, बघेसुर बाबा, सारखूट, मेड़वाइया बाबा, दूल्हा दुल्हिन आदि देव शक्तीयो को जानने और पहचाने कि जरूरत हैं भूल जाते हैं अंत समय में याद आता हैं और इन्ही शक्तियो के बल पर गांव के खुशहाल परिवार जीवन का आधार हैं। हमारे सभी शक्तियां संगीतमय हैं जिन्हे बाद्द यंत्रो में स्थापित कर मनाया जाता हैंं और उन्ही वाद्द यंत्रो मांदर की ताल के गूंज से आदिवासी कल्चर गोडी करमा,शैला, रींजा, ददरिया, भगत,फाग, गीतो के माध्यम से शक्ती को जगाया जाता है। किन्तु जैसे जैसे लोग शहर की ओर जुड रहे है अपनी संस्कृति सभ्यता को भूलते जा रहे। अभी तक हमारी सभ्यता गीत संगीतो में पाया जाता हैं किन्तु अब हम इतिहास के पन्नो में छाप कर जाएगे और कभी मिटने नही देगे। जिसे संस्कृतिक विजय महोत्सव के रूप में जन जन तक संदेश पहुचाकर अपनी सभ्यता को बचाए रखने का आग्रह करते है। सेवा जोहार...जय पुरखा पेनता जय पुरखा सभ्यता आदि शक्ति खेरो दाई..सेवा सेवा...
जेपी सिहं ओलाड़ी (छुही)
संस्थापक- गोड़वाना महासभा यूवा संगठन 'छुही'