मन के भावों को पुस्तक के रूप में ढालना युवा पीढ़ी के लिए अति आवश्यक : NN81

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मन के भावों को पुस्तक के रूप में ढालना युवा पीढ़ी के लिए अति आवश्यक : NN81

19/03/2024 | मार्च 19, 2024 Last Updated 2024-03-19T05:11:15Z
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 *पुस्तक विमोचन*

*मन के भावों को पुस्तक के रूप में ढालना युवा पीढ़ी के लिए अति आवश्यक - समाजसेवी अखिलेश राय*


*हर साल एक पुस्तक प्रकाशन की जिम्मेदारी लें श्री राय-रघुवर दयाल गोहिया*

*सीहोर।* स्थानीय शिवांग रेस्टोरेंट मुरली रोड पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद एवं सृजन साहित्य परिषद के संयुक्त तत्वाधान में शहर के गीतकार द्वारिका बांसुरिया की काव्य पुस्तक समय का समंदर का विमोचन हुआ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता बरिष्ठ गीतकार श्री रामनारायण राठौर ने की। मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ समाजसेवी श्री अखिलेश राय उपस्थित रहे। विशेष अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार श्री रघुवर दयाल गोहिया, हरिओम शर्मा, बाबू देव्वाल घायल मौजूद रहे। सर्वप्रथम माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। अतिथियों का स्वागत शाल, श्रीफल एवं सम्मान पत्र भेंट कर सृजन साहित्य  परिषद के अध्यक्ष विनोद पंसारी, कन्हैयालाल श्रीवास, शंकरलाल, विवेक श्रीवास, मनेक श्रीवास, संदीप, सुबेक श्रीवास ने किया। सरस्वती वंदना कवि जोरावर ने प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन अखिल भारतीय साहित्य परिषद के अध्यक्ष डॉ. विजेंद्र जायसवाल ने किया। पुस्तक विमोचन के अवसर पर कवि द्वारिका बांसुरिया का सम्मान अतिथियों एवं उपस्थित साहित्यकारों ने पुष्प माला पहनाकर और साफा बांधकर किया। 

मुख्य अतिथि के रुप मे साहित्य अनुरागी वरिष्ठ समाजसेवी अखिलेश राय ने कहा कि सभी साहित्यकारों को अपने मन के भाव पुस्तक के रूप समाज के सामने लाना चाहिए। जिससे समाज को कुछ नया सिखने को मिल सके। 

गीतकार द्वारिका बासुरिया के साहित्य सफर पर प्रकाश डालते हुए वरिष्ठ पत्रकार रघुवर दयाल गोहिया ने कहा कि श्री द्वारका बांसुरिया साहित्य के क्षेत्र में 40 वर्ष से सक्रिय हैं और अभी तक ढाई सौ से अधिक गीत, कविता और ग़ज़ल लिख चुके हैं। समय का समंदर पुस्तक में सभी रचनायें पठनीय हैं। उन्होंने इस अवसर पर श्री अखलेश राय से आग्रह किया कि वे साल में एक पुस्तक के प्रकाशन की जिम्मेदारी लें।  इस का सभी उपस्थितों ने तालियां बजाकर स्वागत किया।

गीतकार हरिओम शर्मा ने कहा कि साहित्य लिखना और उसे आने वाली पीढ़ी को समर्पित करना बहुत महान कार्य है जो आज हमारे मित्र ने किया है। इस अवसर पर काव्य पाठ करने वाले कवियों में मुख्य रूप से रामनारायण राठौर, द्वारका बांसुरिया, हरिओम शर्मा,हरिश्चंद्र आर्य ,सुभाष चौहान, विनोद पंसारी जोरावर सिंह , धर्मराज देशराज, राधेश्याम शर्मा,नारायण नवरंग, रामबाबू सक्सेना, लक्ष्मण सिंह चौकसे, डॉ. विजेंद्र जायसवाल, वासुदेव जादवानी, गोविंद लवानिया, मांगीलाल सोलंकी, राधेश्याम राय, बालमुकुंद राय, संदीप सोलंकी, राहुल विश्वकर्मा, सोनू यादव, सुनील, नीरज जाटव, दर्शमय, तनमय, हर्षमय आदि उपस्थित रहे।

अंत में आभार पत्रकार रघुवर दयाल गोहिया ने माना।