पृथ्वी से पाप और बुराइयों का नाश करने हुआ था परशुराम अवतार पं. मोहितरामजी
रिपोर्ट राजीव गुप्ता आष्टा जिला सीहोर एमपी
धर्म की स्थापना साधुओं की रक्षा सनातन के विस्तार के लिए भगवान परशुराम इस पवित्र भूमि भारत की धरा धाम पर पधारे थे भगवान परशुराम के विषय में सभी लोग जानते है की इन्हें भगवान् विष्णु का छठा अवतार माना जाता है इनका जन्म वैशाख कृष्णपक्ष तृतीय को भ्रन्गुवंशीय ऋषि जमदग्नि की पत्नी मां रेणुका के गर्भ से हुआ था।जब जब धर्म की हानि हुई है और आधर्म को बढ़ावा मिला है भगवान ने किसी न किसी रूप में अवतार लिया है और भगवान परशुराम ने इस पृथ्वी पर भगवान विष्णु के छठे अवतार के रूप में अवतार ग्रहण कर धर्म की जय और धर्म का नाश करने का संकल्प लिया था भगवान परशुराम ने शस्त्र और शास्त्र दोनों विधाओं को श्रेष्ठ माना है
और संपूर्ण सनातन धर्म को एक मोती में पैरों कर भारत राष्ट्र सनातन धर्म ब्राह्मण कुल की सेवा की उक्त बातें सीवन नदी तट सैकड़ा खेड़ी रोड स्थित श्रीमाधव महाकाल आरोग्य आश्रम पर अक्षय तृतीया के पावन अक्षर पर भगवान परशुराम जी की महा आरती एवं प्रसादी वितरण के अवसर पर राष्ट्रीय संत कथा व्यास पंडित मोहितरामजी पाठक ने व्यक्त किए संत श्री ने कहा कि भगवान परशुराम संपूर्ण सनातन धर्म संस्कृति के लिए एक आदर्श के थे
जिन्होंने धर्म परायण होकर धर्म की रक्षा करी आज इस पुनीत अवसर पर माधव महाकाल आश्रम के अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा सर्व ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष दीपक शर्मा पंहरिओम दाऊ पंअनिल शर्मा पंजितेंद्र तिवारी पं विनोद शर्मा पंस्वतंत्र पाठक पंविनय भटेले पंराजेश शर्मा पं अखिल शर्मा पंमिथिलेश शर्मा पंयोगेश क्षोत्री पंराजेश त्रिपाठी पं रुपेश तिवारी पंमुरली शर्मा पंअजय तिवारी पंनितिन उपाध्याय पं नितेश शर्मा श्री मनोहर राय श्रीरामबाबू जी सक्सेना बहन प्रेमलता राठौर शैलेंद्र चंदेल अश्वनी दाने प्रीति सोनी श्रीमती कृष्णा तंवर अशोक चौहान लक्ष्मण चौकसे बड़ी संख्या में विप्र बंधु एवं सनातनी जन उपस्थित रहे।