राज्य सूचना आयोग हुआ आरटीओ अधिकारी में मेहरबान,अपील पर भी नहीं हुई कोई कार्यवाही : NN81

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राज्य सूचना आयोग हुआ आरटीओ अधिकारी में मेहरबान,अपील पर भी नहीं हुई कोई कार्यवाही : NN81

01/06/2024 | June 01, 2024 Last Updated 2024-05-31T19:38:07Z
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 *राज्य सूचना आयोग हुआ आरटीओ अधिकारी में मेहरबान,अपील पर भी नहीं हुई कोई कार्यवाही।*




*शोभा की सुपारी बना राज्य सूचना आयोग,आवेदक लकेश के अधिकारों का हो रहा हनन।*


*दो साल से अधिक समय से नहीं मिली एक बिंदु पर चाही गई जानकारी।*


*।*


      भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए शासन द्वारा 2005 में सूचना का अधिकार अधिनियम लागू किया गया,जिसमें आवेदक को तय समय पर जानकारी उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है यदि नियत समय पर सम्बन्धित विभाग आवेदक को चाही गई जानकारी तय समय पर उपलब्ध नहीं कराता है तो नियम तहत कार्यवाही का प्रावधान भी है। ऐसा नियम में कहता है लेकिन यह सब नियम कानून केवल कागजों तक ही सीमिटकर रह गया है,कागज प्राप्त करने के लिए आवेदक कि चप्पल घिस जाती है फिर भी उसे कागज नहीं मिलता आवेदक को सिर्फ परेशान किया जाता है उस पर दबाव बनाकर अधिकारियों द्वारा गुमराह किया जाता है, जानकर तो यह भी बताते हैं कि आयोग में बैठे अधिकारी भी यही चाहते हैं कि हमारे तक शिकायत आये ताकि उनका भी लंबा काम बन जाये यदि अनावेदक अधिकारियों को सेट करने में कामयाब हो जाता है तो जानकारी मिलना असम्भव रहता है।

        वहीं आवेदक लकेश पंचेश्वर आमाटोला ददिया (लालबर्रा) निवासी के द्वारा 13/05/2022 को जिला परिवहन अधिकारी (आरटीओ कार्यालय) बालाघाट में जाकर एक बिंदु पर जानकारी प्राप्त करने हेतु विधिवत रूप से सूचना के अधिकार के तहत आवेदन जमा किया गया था,समय अवधि समाप्त होने पर भी आरटीओ अधिकारी अनिमेष गढ़पाले द्वारा चाही गई जानकारी के प्रमाणित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये गये,तब आवेदक द्वारा प्रथम अपील के तहत  12/12/2022 को जिला कलेक्टर कार्यालय में अपील के तहत आवेदन जमा किया गया था लेकिन बालाघाट कलेक्टर ने भी आवेदक को न्याय दिलाने में असमर्थ नजर आये तब जाकर आवेदक ने समस्त दस्तावेज के साथ राज्य सूचना आयोग भोपाल में रजिस्ट्री के माध्यम से तीन प्रति में 6/5/2023 को आवेदन पहुंचाया गया जो कि आयोग को तय समय पर प्राप्त हो गया और शिकायत भी दर्ज कर ली गई है, लेकिन आयोग भी संबंधित अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहे है और ना ही आवेदक को जानकारी दिलाने में रुचि दिखा रहे है।अब आयोग में ही बैठे अधिकारी इस तरह से खामोश रहेंगे तो किस तरह से सूचना के अधिकार के नियम का पालन होगा ऐसे में तो आवेदक को जानकारी मिल पाना असम्भव सा नजर आ रहा है।

 

      वहीं आवेदक लकेश पंचेश्वर ने आरटीओ कार्यालय में जाकर एक बिंदु पर जानकारी चाही थी जिसमें एक जनवरी 2019 से तीस नवंबर 2019 तक समस्त वाहनों से वसुल किये गये राजस्व (अर्थदण्ड) से संबंधित दस्तावेज जैसे परिवहन विभाग मध्य प्रदेश मोटरयान, चेकिंग पंचनामा, फार्म एमपीटीसी डुप्लीकेट रसीद समझौता शुल्क,मेमो रेसिप्ट सेकेण्ड प्रति, मोटर यान वाहन जप्ती पत्रक व रसीदों कि प्रमाणित छाया प्रति प्रदान करने के संबंध में जानकारी हेतु सूचना के अधिकार के तहत आवेदन जमा किया गया था लेकिन अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है।


*शोभा कि सुपारी बना राज्य सूचना आयोग,नहीं होती कोई कार्यवाही-*


          विदित हो कि आवेदक के द्वारा जानकारी प्राप्त करने हेतु राज्य सूचना आयोग भोपाल में आवेदन किया है लेकिन पुरे पुरे एक साल बित गये है लेकिन आवेदक को अब तक किसी भी प्रकार कि कोई जानकारी आयोग द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई है।ना ही राज्य सूचना आयोग से पत्र मिला है जिस वजह आवेदक परेशान हैं वहीं आयोग भी आवेदक के अधिकारों का हनन करते नजर आ रहे हैं और संबंधित विभाग पर दया दिखाते हुए उन्हें और छुट पे छुट दे रहे हैं ,एक कहावत है  *चोर चोर मौसेरे भाई* यह कहावत आयोग पर बिल्कुल सटीक बैठती नजर आ रही है इसलिए तो राज्य सूचना आयोग आरटीओ अधिकारी पर मेहरबान नजर आ रहे हैं। और कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं ऐसी लापरवाही से लग रहा है कि सबका कमीशन फिक्सिंग है सब लोग अपने-अपने अधिकारों से पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं।


*इनका कहना है-*

 

   मैं राष्ट्रीय मासिक समाचार पत्र सुप्रीम पावर में तहसील संवाददाता के पर पर कार्यरत हूं तथा मैंने समाचार संकलन हेतु आरटीओ कार्यालय में जाकर एक बिंदु पर जानकारी चाही थी लेकिन आज तक मुझे किसी प्रकार कि कोई जानकारी लिखीत में नहीं दी गई है तथा मेरे द्वारा आयोग को भी शिकायत दर्ज करवाई गई है लेकिन एक साल से भी अधिक समय हो गया लेकिन मुझे आयोग ने जानकारी नहीं दिलवाई है अपने अधिकारों से विभाग पल्ला झाड़ रहे हैं यदि ऐसे ही घोर लापरवाही चलते रही तो,मैं जल्द ही आयोग के विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका दायर करूंगा।


*लकेश पंचेश्वर*

*आवेदक लालबर्रा*