छत्तीसगढ़ पोड़ी उपरोड़ा
नानक राजपुत
स्लग :- पोड़ी उपरोड़ा सरपंच व जनपद सदस्य का डुबलीकेट सील बनवाकर किया जा रहा फर्जी शिकायत, एक क्लिनिक व एक सरकारी डॉक्टर कि फर्जी शिकायत सरपंच सील का उपयोग कर किया गया।
पोड़ी उपरोड़ा मे चल रहे अवैध क्लिनिक कि शिकायत सरपंच समेत जनपद सदस्य व जनप्रतिनिधि द्वारा जिला चिकित्सा अधिकारी को कि गई थी उसके बाद पोड़ी उपरोड़ा चिकित्सा अधिकारी कि टीम द्वारा कार्यवाही करते हुए बस स्टैंड मे संचालित उक्त क्लिनिक को बंद करवाया गया, मामला कुछ दिन बीत गया लेकिन उसी क्लिनिक पर बांगो के एक सरकारी डाक्टर द्वारा प्राइवेट इलाज किये जाने कि शिकायत फिर से उसी सरपंच व जनपद सदस्य के सील के माध्यम से कि गई, वही ज़ब पत्रकार द्वारा हकीकत जानने का प्रयास किया गया तो पता चला कि पोड़ी उपरोड़ा सरपंच अनीता कवर व जनपद सदस्य विजय दुबे के द्वारा किसी प्रकार कि कोई शिकायत ही नहीं कि गई वही सरपंच ने बताया कि किसी कि साजिस है जो खुद अवैध क्लिनिक चला रहा होगा और अन्य झोलाछाप डॉक्टरो व क्लिनिक चला रहे डाक्टरो को टारगेट करके उसकी फर्जी शिकायत कर रहा, वही सरपंच ने डुबलीकेट सील के उपयोग करने के मामले मे बांगो थाना मे शिकायत दर्ज करने कि बात कही।
दरसल कोरबा जिले मे इतने झोलाछाप डॉक्टर पनप रहे हैं कि ग्रामीण मरीजों का शासकीय अस्पताल जाने का रास्ता ही रोक दिया, मोटी रकम वसूल करते हुए बिना जांच प्रकृया के हाई डोज दवाईया देकर मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा, ऐसे कितने झोलाछाप डॉक्टर हैं जो बिना नर्सिंग होम रजिस्ट्रेसन के अवैध क्लिनिक संचालित कर रहे हैं कोई डॉक्टर मेडिकल कि आड़ मे अपने निजी मकान पर बेड लगाकर ग्रामीण मरीजों का इलाज कर रहे तो कोई घूम घूम कर ग्रामीणों का इलाज कर रहे, वही प्रसासन सिर्फ आवेदन से शिकायत का इंतजार करती है जबकि यें उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि प्रतिदिन प्रति सप्ताह चिकित्सा अधिकारी दौरा कर जितने क्लिनिक चला रहे उनकी जांच करें व अवैध पाए जाने पर कानूनी कार्यवाही करें।
प्रशासन ने मेडिकल संचालको को सख्त निर्देश दिया है कि बिना सरकारी डॉक्टर के पर्ची के बिना किसी भी मरीज व चिकित्सा से जुड़े व्यक्ति व झोलाछाप डाक्टरो को दवाइयां ना दे लेकिन मेडिकल संचालक मनमानी तरिके से भारी मात्रा मे झोलाछाप डॉक्टरो को दवाईया उपलब्ध करा रहे हैं जिसका खामियाजा आम नागरिक भुगतते हैं, वही मामले मे स्वास्थ्य विभाग भी चुप्पी साधी बैठी हुई है।