*SECL की भारी लापरवाही: खदान निरीक्षक की मौत के बाद GM पर गंभीर सवाल* : NN81

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*SECL की भारी लापरवाही: खदान निरीक्षक की मौत के बाद GM पर गंभीर सवाल* : NN81

02/08/2024 | अगस्त 02, 2024 Last Updated 2024-08-02T06:52:46Z
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 *SECL की भारी लापरवाही: खदान निरीक्षक की मौत के बाद GM पर गंभीर सवाल*



**कोरबा, 1 अगस्त 2024** - SECL कुसमुंडा क्षेत्र में 27 जुलाई 2024 को! घटित हुई दुखद घटना ने SECL प्रबंधन की भारी लापरवाही को उजागर कर दिया है। खदान निरीक्षण के दौरान जितेंद्र नागरकर की जल सैलाब में बहने से मौत हो गई, जिससे पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है।


*घटना का विवरण*


27 जुलाई की शाम लगभग 4 बजे जितेंद्र नागरकर खदान निरीक्षण के दौरान भारी बारिश के बीच जल सैलाब में बह गए। इस दर्दनाक घटना का एक वीडियो फुटेज वायरल हो गया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि नागरकर बहते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो न केवल इस घटना की गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि SECL की सुरक्षा उपायों में खामियों को भी उजागर करता है।


*SECL GM की लापरवाही*


घटना के तुरंत बाद, SECL कुसमुंडा के जनरल मैनेजर (GM) ने एक नोटिस जारी किया, जिसमें नागरकर पर ड्यूटी के दौरान मोबाइल पर गेम खेलने का आरोप लगाया गया। यह आरोप न केवल असंवेदनशील था, बल्कि बाद में बेबुनियाद भी साबित हुआ। 



*नोटिस का खंडन*


31 जुलाई को SECL ने दूसरा नोटिस जारी कर पहले नोटिस को निराधार और बेबुनियाद घोषित किया। यह स्पष्ट करता है कि SECL के GM ने बिना किसी ठोस सबूत के नागरकर पर आरोप लगाया, जिससे उनकी खुद की लापरवाही और गैरजिम्मेदारी सामने आई है।


*जनता का आक्रोश*


इस घटना के बाद से स्थानीय समुदाय और नागरकर के परिजनों में भारी आक्रोश है। एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा इतनी बड़ी गलती कैसे की जा सकती है? यह सवाल हर किसी के मन में है। जनता का कहना है कि GM ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश की है और उन्हें इसका जवाब देना होगा।


 *निष्कर्ष*


SECL कुसमुंडा की यह घटना प्रबंधन की भारी लापरवाही और गैरजिम्मेदारी का प्रतीक है। जितेंद्र नागरकर की मौत ने SECL की सुरक्षा व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। GM द्वारा जारी किया गया नोटिस और फिर उसका खंडन यह स्पष्ट करता है कि SECL के अंदर प्रबंधन कितना लापरवाह और गैरजिम्मेदार है।



SECL के वरिष्ठ अधिकारियों को इस गंभीर मामले का संज्ञान लेना चाहिए और उचित कार्रवाई करनी चाहिए। यह घटना सिर्फ एक चेतावनी नहीं है, बल्कि एक गंभीर सवाल है कि आखिर कब तक ऐसे हादसे होते रहेंगे और कब तक प्रबंधन अपनी लापरवाही से पल्ला झाड़ता रहेगा? जनता की उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में उचित कदम उठाए जाएंगे और दोषियों को उनके किए की सजा मिलेगी।