कन्या कौशल शिविर का आयोजन किया:
सिराली नजदीकी वन ग्राम चिकलपाट में गायत्री परिवार के द्वारा कन्या कौशल शिविर का भव्य आयोजन रखा गया है। परिवार एवं समाज के निर्माण में कन्याओं एवं मातृशक्ति का महत्वपूर्ण योगदान होता है कन्याएं भविष्य में दो परिवार के साथ समाज के परिजनों को आध्यात्मिक सामाजिक एवं बौद्धिक रूप से सशक्त करती है। भव्य कलश यात्रा के साथ कन्या कौशल शिविर का शुभारंभ हुआ जिसमें बड़ी संख्या में कन्याएं एवं परिजन उपस्थित हुए। इस आयोजन में लगभग 300 कन्याएं तथा हजारों की संख्या में परिजनों ने हिस्सा लिया।सभी 300 बेटियों को कपड़े और ठंड के बचाव के लिए ऊनी पीली गायत्री मंत्र लिखी हुई टोपी प्रदान की गई। संस्कृति की लुप्त हो रही परंपराओं को संजोने एवं व्यक्तित्व निर्माण के साथ युग निर्माण की अवधारणा के साथ इस आयोजन में शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे परिजनों ने अपने प्रवचन में कहा कि जब तक व्यक्तित्व परिष्कृत नहीं होता तब तक सारी समस्या बनी रहती है उन्होंने कहा कि गुरुदेव का उद्देश्य है कि भारत के प्रत्येक गांव में जन जागरूकता के माध्यम से कन्या कौशल कार्यक्रम चलाया जाए तथा कन्याओं के व्यक्तित्व का निर्माण किया जाए यही एक आयु होती है जिसमें व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास बौद्धिक सामाजिक शारीरिक प्रत्येक स्तर पर किया जा सकता है।गायत्री परिवार के द्वारा विभिन्न स्थानों पर आयोजन कर कन्याओं को समाज की धार्मिक रीति नीति एवं आध्यात्मिक से जोड़ने की यह परंपरा गायत्री परिवार द्वारा की जाती है साथ ही गायत्री महायज्ञ का भी आयोजन किया जा रहा है। गायत्री परिवार से जुड़ी बहन सुमन राजपूत ने बताया कि कन्या कौशल के माध्यम से वैचारिक परिवर्तन लाकर कन्याओं को समाज की मुख्य धारा से जोड़कर भविष्य की पीढ़ी तैयार करना है। गायत्री परिवार के बलराम राजपूत ने कहा कि इस धार्मिक आयोजन में सामाजिक आर्थिक धार्मिक रूप से पिछडे चिकलपाट में स्थानीय एवं आसपास के सभी गांवों के परिजन सम्मिलित होकर इस आध्यात्मिक धार्मिक वैचारिक महाकुंभ में लाभ प्राप्त कर रहे है तथा आदिवासी अंचल के लोग समाज की मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं।
हम सुधरेंगे युग सुधरेगा की परंपरा के अनुसार कन्याओं एवं समाज के लोगों को स्व निर्माण से युग निर्माण हेतु प्रेरित करना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।