गुरुर ब्लॉक के मोहारा धान खरीदी केंद्र बना भ्रष्टाचार का गढ़ - बालोद : NN81

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गुरुर ब्लॉक के मोहारा धान खरीदी केंद्र बना भ्रष्टाचार का गढ़ - बालोद : NN81

29/01/2025 | जनवरी 29, 2025 Last Updated 2025-01-29T07:03:43Z
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संवाददाता पूनम साहू - बालोद CG


 गुरुर ब्लॉक के मोहारा धान खरीदी केंद्र बना भ्रष्टाचार का गढ़ ! किसानों की धान अधिक तौलने की शिकायत तो दूसरी ओर नियम विरुद्ध बना दिया चौथा टेग l

 बालोद जिले के गुरुर ब्लॉक मोहारा के धान खरीदी केंद्र समिति  प्रबंधक के द्वारा मनमानी की शिकायत किसानों के द्वारा की जा रही है l सरकार ने धान खरीदी  के लिए  किसानों की धान की किस्म के अनुसार  मोटा धान ,पतला धान और सरोना धान को तीन स्तर पर  बाटकर तीन टेग बनाया गया है l जिसमें धान खरीदी उपरांत समिति प्रबंधकों  के लिए निर्देश जारी किया गया है कि धान की किस्म के अनुसार से आपको टैग लगाना है l ताकि धान के कट्टा को पहचानने में आसान हो सके l 

लेकिन मोहारा समिति प्रबंधक मनमानी करते हुए सरकार की आदेश का अवहेलना  करते हुए अपने आप चौथा टेग बना कर लगाया जा रहा है l जो कि भ्रष्टाचार की ओर इंगित करता है तथा सरकार के गाइडलाइन का सरासर उल्लंघन है l जब इसकी जानकारी किसानों ने खाद्य विभाग को दी तब खाद विभाग के द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए धान खरीदी केंद्र   से 7000 कट्टा की धान की जपती बनाया गया है , जिसे संग्रहण केंद्र में ले जाया जाएगा l खाद्य विभाग के द्वारा इसकी रिपोर्ट कर उच्च अधिकारियों को कार्यवाही के लिए प्रेषित किया गया है l फूड इंस्पेक्टर तुलसीराम ठाकुर ने कहा है कि समिति प्रबंधक की शिकायत जो आ रही है वह सही पाया गया है l इसके उचित कार्रवाई की जाएगी सरकार ने जो नियम बनाया है उसके विरुद्ध जो भी काम करता है l उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए हमें आदेशित किया गया है l 

 मोहारा धान खरीदी केंद्र प्रबंधक  की दूसरी शिकायत आ रही है कि सरकार के नियम के तहत एक कट्टे में 40 किलो 650 ग्राम की धान तौलना है l लेकिन समिति प्रबंधक के आदेश अनुसार तौलने वाले 41 किलो से ऊपर की धान  तौला जा रहा है l जिसकी जानकारी किसानों को नहीं दी जा रही है 

जब इस संबंध में समिति प्रबंधन से जानकारी लेना चाहा तो उन्होंने कहा है कि  जिस तरह से मोटा धान आना चाहिए उस तरह का धान नहीं आ पा रहा है l इसलिए चौथा टेग लगाया गया है , जबकि कुछ ग्रामीणों ने दबे जुबान से यह भी कहा जा रहा है, प्रबंधक विगत कई वर्षों से एक ही जगह पर जमे हुए है, और बिना प्रशासनिक अनुमति से अपना वेतन भी बढ़ा दिया गया है, यह भी जांच का विषय है, और साथ ही साथ, स्थानीय ग्राम का होने का भरपूर फायदा उठाया जा रहा है,