वनोपज खैर लकड़ी का अवैध परिवहन करते ट्रक जप्त, आरोपी गिरफ्तार: NN81

Notification

×

Iklan

वनोपज खैर लकड़ी का अवैध परिवहन करते ट्रक जप्त, आरोपी गिरफ्तार: NN81

11/03/2025 | मार्च 11, 2025 Last Updated 2025-03-11T08:00:48Z
    Share on

 Reported By: NN81 @newsnation81tv 

Edited By: Abhishek Vyas @abhishekvyas99   


वनोपज खैर लकड़ी का अवैध परिवहन करते ट्रक जप्त, आरोपी गिरफ्तार:

कवर्धा, छत्तीसगढ़  - दिनांक 10.03.2025 को थाना चिल्फी पुलिस को विश्वसनीय मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि एक ट्रक क्रमांक JH09BC6264 में अवैध रूप से भारी मात्रा में वनोपज खैर लकड़ी का परिवहन किया जा रहा है। प्राप्त सूचना पर पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेंद्र सिंह (IPS) को अवगत कराते हुए, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री पुष्पेंद्र बघेल एवं श्री पंकज पटेल तथा डीएसपी संजय ध्रुव के मार्गदर्शन में थाना चिल्फी पुलिस टीम द्वारा एनएच-30 थाना चिल्फी के सामने वाहनों की सघन चेकिंग प्रारंभ की गई।  

चेकिंग के दौरान रायपुर-कवर्धा की ओर से आ रहे ट्रक क्रमांक JH09BC6264 को रोककर जांच की गई, जिसमें चालक रंजित सिंह पिता बलदेव सिंह (उम्र 20 वर्ष, निवासी थाना कत्थूनंगल, जिला अमृतसर, पंजाब) द्वारा अवैध रूप से खैर लकड़ी परिवहन किया जा रहा था। मौके पर वाहन की विधिवत तलाशी एवं दस्तावेजों की जांच करने पर कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि यह लकड़ी सरायपाली के अविनाश उर्फ सन्नी चांवला द्वारा लोड कराई गई थी।  


मौके पर धारा 94 बीएनएसएस का नोटिस जारी कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया तथा वाहन को लक्ष्मीनारायण धर्मकांटा, बोड़ला में तौल कराया गया। जप्त सामग्री निम्नानुसार है—  

1. ट्रक क्रमांक JH09BC6264 (वजन 10.200 किलोग्राम) – कीमत 15,00,000 रुपये  

2. वनोपज खैर लकड़ी (वजन 8.830 क्विंटल) – कीमत 9,00,000 रुपये  

3. आरोपी से प्राप्त दस्तावेज – 02 प्रति  

4. ट्रक का रजिस्ट्रेशन कार्ड  

कुल जुमला कीमत – 24,00,000 रुपये  

आरोपी के विरुद्ध थाना चिल्फी में अपराध क्रमांक 10/2025 धारा 336, 340 बीएनएस एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 42 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।  

इस कार्रवाई में थाना चिल्फी के सहायक उप निरीक्षक शिवेंद्र मोहन उपाध्याय एवं उनकी टीम—आरक्षक पंकज यादव, अमन वाहने, पप्पू पनागर, संतोष साहू, सुभाष सोनकर तथा गवाह सुरेश झारिया व अश्वनी कुमार विश्वकर्मा—की महत्वपूर्ण भूमिका रही।