ऐतिहासिक भोरमदेव महोत्सव को बेहतर तथा आकर्षक बनाने के लिए समिति, जिले के नागरिकों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव: NN81

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ऐतिहासिक भोरमदेव महोत्सव को बेहतर तथा आकर्षक बनाने के लिए समिति, जिले के नागरिकों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव: NN81

20/03/2025 | मार्च 20, 2025 Last Updated 2025-03-20T16:57:05Z
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 Reported By: NN81 @newsnation81tv 

Edited By: Abhishek Vyas @abhishekvyas99 


 ऐतिहासिक भोरमदेव महोत्सव को बेहतर तथा आकर्षक बनाने के लिए समिति, जिले के नागरिकों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव: 

कवर्धा :- ऐतिहासिक, धार्मिक एवं पुरातात्विक महत्व के विश्व प्रसिद्घ दर्शनीय स्थल भोरमदेव मंदिर में इस वर्ष दो दिवसीय भोरमदेव महोत्सव का आयोजन 26 और 27 मार्च को किया जाएगा। भोरमदेव महोत्सव के भव्य आयोजन की रूपरेखा तय करने के लिए कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा द्वारा जिले के गणमान्य नागरिक, मंदिर समिति जनप्रतिनिधि और मीडिया के साथियों की बैठक आज  कलेक्ट्रोरेट सभा कक्ष में आयोजित की। बैठक में ऐतिहासिक, धार्मिक एवं पुरातात्विक महत्व के विश्व प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल भोरमदेव मंदिर के नाम पर होने वाले ऐतिहासिक भोरमदेव महोत्सव को इस बार और बेहतर तथा आकर्षक बनाने के लिए समिति के सदस्यों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। भोरमदेव मंदिर की गरिमा को बढ़ाने के साथ-साथ ऐतिहासिक स्मारक मड़वा महल तथा छेरकी महल को भी आकर्षक ढंग से सजाने तथा इन दोनों से किसी एक स्थान पर मंच बनाकर स्थानीय कलाकारों को स्थान देने के लिए आवश्यक चर्चा भी की गई।  

कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भोरमदेव महोत्सव छत्तीसगढ़ के साथ-साथ कबीरधाम जिले की पहचान है। हर साल की तरह इस वर्ष भी जनप्रतिनिधियों, नागरिकों, आम जनता के सक्रिय सहयोग एवं भागीदारी से भोरमदेव महोत्सव का प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन किया जाएगा। जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, आम नागरिकों से भोरमदेव महोत्सव को सफल बनाने एकजुट होकर सक्रिय भागीदारी तय करने कहा। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्री ईश्वरी साहू, उपाध्यक्ष श्री कैलाश चंद्रवंशी, नगर पालिका अध्यक्ष श्री चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी सहित क्षेत्र के जिला, जनपद सदस्य, ग्राम पंचायत चौरा के सरपंच बोड़ला क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, मीडिया के साथियों ने आवश्यक सुझाव भी दिए।

बैठक में उपस्थित नागरिकों ने कहा कि भोरमदेव महोत्सव की ख्याति दिन-प्रतिदिन पूरे देश में बढ़ रही है। भोरमदेव महोत्सव को राष्ट्रीय पहचान देने में आयोजन समिति एवं जिलेवासियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस परंपरा को बरकरार रखते हुए स्थानीय लोगों की पसंद के अनुरूप सांस्कृतिक कार्यक्रमों को पर्याप्त स्थान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय कलाकारों तथा अन्य राज्यों से आए सभी कलाकारों के साथ समान महत्व तथा दोनों कलाकारों को कलाप्रदर्शन के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। इस दौरान उपस्थित गणमान्य नागरिकों ने आवागमन को विशेष ध्यान में रखते हुए दुकान का आबंटन, तेरस की तिथि को बैगा आदिवासियों का कार्यक्रम, सड़कों में लाइट व्यवस्था, पार्किंग स्थल, सोशल मीडिया में इन्फुलेंसर द्वारा प्रमोट, वाईफाई फ्रीक्वेंसी बढ़ाने, बैठक सहित अन्य व्यवस्था के सम्बन्ध में अपने सुझाव दिए।