सूचना अधिकार के मामलों में लापरवाही, जनपद पंचायत मनेंद्रगढ़ के सीईओ पर शिकायत: NN81

Notification

×

Iklan

सूचना अधिकार के मामलों में लापरवाही, जनपद पंचायत मनेंद्रगढ़ के सीईओ पर शिकायत: NN81

29/03/2025 | मार्च 29, 2025 Last Updated 2025-03-29T06:47:29Z
    Share on

 Reported By: Maniram Soni

Edited By: Abhishek Vyas @abhishekvyas99


सूचना अधिकार के मामलों में लापरवाही, जनपद पंचायत मनेंद्रगढ़ के सीईओ पर शिकायत:

एमसीबी मनेंद्रगढ़   - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 को पारदर्शिता और सुशासन का आधार माना जाता है, लेकिन जब इसके पालन में ही अनियमितता होने लगे, तो आम नागरिकों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (एमसीबी) जिले में सामने आया है, जहां जनपद पंचायत मनेंद्रगढ़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) पर प्रथम अपीलीय अधिकारी के रूप में अपने अर्ध-न्यायिक दायित्वों का पालन न करने का गंभीर आरोप लगाया गया है। सूचना नहीं मिलने पर अपील, फिर भी नहीं हुई सुनवाई

आवेदक अशोक श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने सूचना अधिकार अधिनियम के तहत विभिन्न ग्राम पंचायतों से जानकारी प्राप्त करने के लिए ग्राम पंचायत सचिवों को आवेदन दिए थे। लेकिन नियमानुसार तय समय-सीमा में उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने अधिनियम की धारा 19 के तहत 17 फरवरी 2025 को प्रथम अपील दायर की। इसके अतिरिक्त, विभिन्न तिथियों में कई और अपीलें भी प्रस्तुत की गईं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि जनपद पंचायत के सीईओ, जो प्रथम अपीलीय अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं,  न तो समय पर सुनवाई की और न ही सूचना प्रदान करने के निर्देश दिए।


सुनवाई में देरी से बढ़ रही परेशानी

सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के अनुसार, प्रथम अपीलीय अधिकारी को 30 दिनों के भीतर अपील का निस्तारण करना अनिवार्य है। इसके बावजूद, जनपद पंचायत में अपीलें लंबित पड़ी हैं,और आवेदकों को सुनवाई के लिए बार-बार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। 200 से अधिक अपीलें लंबित, कलेक्टर से की शिकायत

सूत्रों के अनुसार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी के कार्यालय में लगभग 200 से अधिक अपीलें लंबित पड़ी हैं, जिन पर किसी भी प्रकार की सुनवाई नहीं की गई है। इसे लेकर आवेदक ने कलेक्टर को पत्र लिखकर शिकायत की है और मामले की उच्चस्तरीय समीक्षा की मांग की है।


आवेदक की मांगें

1. जनपद पंचायत मनेंद्रगढ़ के सीईओ की भूमिका की जांच की जाए और यह देखा जाए कि कितनी अपीलें लंबित हैं तथा कितनों का निपटारा किया गया है।

2. जिले में सूचना अधिकार अधिनियम की प्रभावशीलता पर समीक्षा बैठक आयोजित की जाए, जिसमें अपीलीय अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।

3. सीईओ को निर्देश दिया जाए कि वे अधिनियम के अनुरूप सुनवाई करें और आवश्यक आदेश जारी करें।

4. यदि प्रथम अपीलीय अधिकारी सुनवाई में लापरवाही बरत रहे हैं, तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए।


शासन से सख्ती की मांग

छत्तीसगढ़ सरकार सूचना अधिकार कानून को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए लगातार दिशा-निर्देश जारी करती रही है, लेकिन इस मामले में उसकी सख्ती नदारद दिख रही है। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस शिकायत पर क्या कार्रवाई करता है और क्या लंबित अपीलों का निपटारा समय पर किया जाता है या नहीं।