सेलूद। पाटन क्षेत्र में इन दिनों अवैध कॉलोनियों का कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है। भूमाफिया बेखौफ होकर कृषि योग्य भूमि पर अवैध रूप से प्लॉट काटकर उन्हें बेच रहे हैं। प्रशासन की चुप्पी और अनदेखी से यह संदेह गहराता जा रहा है कि कहीं इसमें उसकी संलिप्तता तो नहीं है।
दुर्ग-पाटन मुख्य मार्ग पर ग्राम पतोरा में सड़क के दोनों ओर 'प्लॉट उपलब्ध है' के बोर्ड लगाकर कॉलोनी काटी जा रही है। यह वही सड़क है जिससे पाटन के अधिकारी रोज गुजरते हैं और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी इसी मार्ग से आते-जाते हैं। बावजूद इसके कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे कालोनाइजरों के हौसले बुलंद हैं।
इसी प्रकार रायपुर मार्ग पर ग्राम मोतीपुर, जामगांव-एम और पाहंदा में भी बड़े पैमाने पर कृषि भूमि को प्लॉट में बदलकर अवैध कॉलोनियां बसाई जा रही हैं। इससे खेती प्रभावित हो रही है और भविष्य में खाद्यान्न संकट जैसी गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
अवैध कॉलोनियों में प्लॉट खरीदने वाले लोगों को यह तक नहीं पता होता कि ज़मीन वैध है या नहीं। नतीजतन, उन्हें न बिजली, न पानी और न ही सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं मिलती हैं। जब प्रशासन ऐसे इलाकों में कार्रवाई करता है, तो लोगों की जीवनभर की कमाई डूब जाती है।
राजस्व विभाग की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। मीडिया में बार-बार मामले को उजागर किए जाने के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यदि शीघ्र ही कार्रवाई नहीं की गई, तो यह समस्या पूरे क्षेत्र में विकराल रूप धारण कर सकती है।
एसडीएम लवकेश ध्रुव ने कहा, "पतोरा और मोतीपुर में अवैध प्लाटिंग की शिकायतें मिली हैं। हमने पटवारियों से रिपोर्ट मंगाई है और जल्द ही अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई की जाएगी।"
---
इन अवैध कॉलोनियों से होने वाली प्रमुख समस्याएं:
न सड़क, न बिजली और न पानी की समुचित व्यवस्था
हरियाली की कटाई से बढ़ता जल संकट और प्रदूषण
बारिश के समय जलभराव और सीवरेज की समस्या
अनियोजित शहरीकरण से अव्यवस्थित विकास
---
रिपोर्ट: गोपेश साहू
(पाटन क्षेत्रीय संवाददाता)