सिराली/भारतीय जनता पार्टी के पार्षद राहुल शाह ने भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि जल, जंगल और जमीन को लेकर आदिवासियों का संघर्ष सदियों पुराना है और आज भी जारी है। बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया 9 जून 1900 को रांची की जेल में बिरसा मुंडा का निधन हो गया था।
बिरसा मुंडा ने 1895 में अंग्रेजों द्वारा लागू की गई जमींदारी और राजस्व व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई छेड़ी बिरसा मुंडा के नेतृत्व में आदिवासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ उलगुलान आंदोलन चलाया, जिसमें उन्होंने आदिवासियों की जमीन और अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी।
आजादी के 75 साल बाद भी आदिवासियों की जमीन हड़पी जा रही है और उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है आदिवासियों की लड़कियों से शादी कर उनके नाम पर जमीन खरीद कर आदिवासियों का फायदा उठाया जा रहा है।
राहुल शाह ने कहा कि बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर हमें आदिवासियों के संघर्ष की विरासत को याद करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज भी आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए हमें मिलकर काम करना होगा।