बिहार जाते समय नहर में गिरी कार, सेवानिवृत्त कॉलरीकर्मी की पत्नी, बहू और पोते की मौत - NN81

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बिहार जाते समय नहर में गिरी कार, सेवानिवृत्त कॉलरीकर्मी की पत्नी, बहू और पोते की मौत - NN81

13/07/2025 | जुलाई 13, 2025 Last Updated 2025-07-13T04:58:04Z
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रिपोर्टर:कृष्णा कुमार


सूरजपुर छत्तीसगढ़/सूरजपुर जिले के बिश्रामपुर माइनस कॉलोनी निवासी सेवानिवृत्त कॉलरी कर्मी प्रेमचंद सिंह का पुत्र 38 वर्षीय नंदन सिंह शुक्रवार की रात अपनी मां 55 वर्षीय निर्मला देवी, पत्नी 36 वर्षीय नीतू सिंह, पुत्र 10 वर्षीय अस्तित्व सिंह और पुत्री 12 वर्षीय रिद्धि सिंह के साथ कार क्रमांक सीजी 15 सीयू 5367 से ससुराल बिहार के वैशाली जिले के महुआ जाने निकला था।

वहां नंदन के साले की 25वीं सालगिरह का आयोजन था, इसमें पूरे परिवार को शामिल होना था। रात भर की यात्रा के बाद शनिवार तडक़े करीब 5.15 बजे जब कार पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल अंतर्गत रानी तालाब थाना क्षेत्र के सरैया गांव के पास पहुंची, तभी ड्राइव कर रहे नंदन सिंह को झपकी आ गई।

इससे गाड़ी अनियंत्रित होकर सडक़ किनारे नहर में जा गिरी। स्थानीय ग्रामीणों की मदद से सभी को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इस हादसे में निर्मला देवी, नीतू सिंह और अस्तित्व सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं नंदन सिंह और रिद्धि सिंह बच गए। दोनों का पटना एम्स में इलाज जारी है।


कल होगा अंतिम संस्कार

घटना की सूचना पर रानी तालाब थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जेसीबी की मदद से कार को नहर से बाहर निकाला। शवों को पोस्टमार्टम के लिए पटना भेजा गया और औपचारिकताओं के बाद शनिवार देर रात सभी शव बिश्रामपुर पहुंचाए गए। रविवार को तीनों मृतकों का अंतिम संस्कार बिश्रामपुर स्थित रेण नदी के मुक्तिधाम में किया जाएगा।


हादसे से कुछ ही देर पहले फोन पर हुई थी बात

हादसे के कुछ ही क्षण पहले प्रेमचंद सिंह ने अपने बेटे नंदन से मोबाइल पर बात की थी। नंदन ने कहा था बस पहुंचने ही वाले हैं पापा। इसके कुछ मिनटों बाद ही यह हादसा हो गया। जब प्रेमचंद सिंह को यह खबर मिली, वे बेसुध हो गए। पत्नी, बहू और इकलौते पोते की मौत की सूचना से वे गहरे सदमे में हैं।


माइनस कॉलोनी में मातम का माहौल

दुर्घटना से बिश्रामपुर की* माइनस कॉलोनी में शोक की लहर दौड़ गई है। अस्तित्व सिंह डीएवी स्कूल में कक्षा 5 वीं का छात्र था, वह मेधावी था। पूरा परिवार सामाजिक और व्यवहारिक था और कॉलोनी में उनकी प्रतिष्ठा थी।


इस हादसे ने न सिर्फ प्रेमचंद सिंह का संसार छीन लिया, बल्कि स्थानीय लोगों को भी झकझोर कर रख दिया है। लोगों की भीड़ प्रेमचंद सिंह के घर पर उमड़ पड़ी है। हर किसी की आंखें नम हैं।