*बांधवगढ किले के पास मिला मेल टाइगर का शव,घटना स्थल से हिंसक टाइगर्स को हाथियों ने खदेड़ा*
बांधवगढ टाइगर रिज़र्व के ताला वन परिक्षेत्र में 7 वर्षीय नर बाघ का शव गश्ती के दौरान पार्क टीम ने सुबह करीब 11 बजे देखा है,जिसके बाद से ही पार्क अधिकारियों में हड़कप मच गया।बताया जाता है कि किला रोड पर स्थित शेषशैय्या बीट के रिज़र्व फारेस्ट क्रम 317 में मिले मृत नर बाघ के सर,गले,कंधे एवम पीठ पर गम्भीर चोट के निशान है। *इस पूरे मामले में पार्क प्रबन्धन देर रात प्रेस नोट तो जारी कर दिया है,पर आधिकारिक रूप से मृत बाघ की कोई भी तस्वीर मीडिया जनों को नही दी गई है,जो बाघ के मौत और परिस्थितियों पर सवाल खड़े करते है।* बीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा ने इस पूरे मामले को टेरिटरी से जुड़ा मामला बताया है,जिसमे दो बाघों की आपसी भिड़ंत में 7 वर्षीय नर बाघ की मौत हुई है।उन्होंने यह भी बताया कि घटना स्थल के करींब अन्य नर बाघों के पगमार्क मिले है,जो टेरिटरी के लिए आपसी भिड़ंत के साक्ष्य के रूप में प्राथमिक दृष्ट्या समझे जा सकते है।
*सम्भावित जम्भोल टाइगर की मौत*
ताला क्षेत्र में अधिकांशतः खितौली महावन से आये बजरंग बाघ और शेषशैय्या बाघिन के बीच के शावकों की मूवमेंट दिखती रहती रही है,पर अभी हाल में मगधी रेंज से जम्भोल मेल टाइगर की आमद हुई थी,जिसकी लोकेशन चकरधरा में अभी हाल में रही है।जिससे कयास लगाया जा रहा है कि जम्भोल और बजरंग के शावकों के बीच टेरेटरी को लेकर आपसी भिड़ंत में 7 वर्षीय बाघ की मौत हुई है।बजरंग और शेष शैय्या बाघिन के बीच के 2 बाघ और एक बाघिन शावक रहे है,जो फिलहाल डेढ़ से दो वर्ष के जवान बाघ-बाघिन हो चुके है।आपको बता दे शेषशैय्या बाघिन 2015 की है,जो अक्सर शेषशैय्या के इर्द गिर्द ही रहती है,जो अब तक अनुमानतः दो या तीन बार प्रजनन कर चुकी है,अभी वर्तमान में इन्ही शावकों की लोकेशन शेषशैय्या,बड़ी गुफा और गोपालपुर पहाड़ी के पास दिखती रही है,कुल मिलाकर संभावना जताई जा रही है कि मृत बाघ जम्भोल मेल टाइगर हो सकता है,हालांकि टाइगर आईडी को लेकर आधिकारिक बयान फिलहाल देर रात तक नही आ सके है।
*मौत के बाद भी टाइगर वही बना था*
बताया जाता है कि 7 वर्षीय टाइगर की मौत के बाद गश्ती दल ने इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दी थी,पर जब उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे तो मृत टाइगर का शव 20 मीटर और दूर मिला है,जिससे ये साफ है कि टेरिटरी के लिए हिंसक टाइगर ने मौत के बाद भी मृत टाइगर को अपने कब्जे में लेने का कुत्सित प्रयास किया था,हालांकि बाद में हाथियों की मदद से टाइगर को खदेड़ा गया,और फिर मृत टाइगर को कब्जे में लेकर एनटीसीए प्रतिनिधि और तीन चिकिसकीय दल की मौजूदगी में पीएम आदि की कार्यवाही की गई है,इस दौरान बीटीआर के बाकी जिम्मेदार अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे।