ईश्वरीय याद का कवच पहनकर हम विघ्नों से स्वयं को बचा सकते हैं- ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी
गुना जिले से गोलू सेन की रिपोर्ट
प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय मंशापूर्ण हनुमान मंदिर के पास स्थित सेवा केंद्र के द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में सकारात्मक युवा विकसित भारत का आधार विषय पर ब्रह्माकुमारीज के युवा प्रभाग द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी ने सभी युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि किस तरह हम अटेंशन की टेबलेट से टेंशन को दूर भगा सकते हैं l मन की शक्तियां किस तरह काम करती है इसका आध्यात्मिक विज्ञान भी समझाया गया l दीदी ने बताया कि उसके लिए एकाग्रता एवं दृढ़ निश्चय चाहिए l आज का मानव पांच विकारों की जंजीरों में बंधा हुआ है जिसके कारण मन की शक्तियां जैसे निर्णय करने एवं सहन करने की शक्तियां खत्म हो गई है। राजयोग के नियमित अभ्यास से हम अपनी आंतरिक शक्तियों को फिर से जगा सकते हैं और स्वयं को सशक्त बना सकते हैं l इसके साथ ही संपूर्ण सुरक्षा के लिए बताया गया कि शुभ संकल्प कि हेलमेट पहनकर हम स्वयं को नकारात्मक विचारों से सेफ कर सकते हैं l आत्मिक दृष्टि का चश्मा पहनकर हम अपने आप को बुराइयों से बचा सकते हैं दूसरे की कमी कमजोरी को ना देखते हुए अपने जीवन को श्रेष्ठ मार्ग पर चला सकते है l ईश्वरीय याद का कवच पहनकर हम विघ्नों से स्वयं को बचा सकते हैं l उमंग उत्साह के सेफ्टी शूज पहनकर हम स्वयं को कमजोर परिस्थितियों से निकाल सकते हैं l सभी युवाओं को यह लक्ष्य दिया गया कि हम अपने जीवन को इतना दिव्य बनाएं कि इस कलयुगी अधियारे को मिटा कर स्वर्णिम युग के उजाले की और जीवन को ले जाने के लिए समय ना लगाओ तय करने में की आपको क्या करना है, वरना समय तय कर लेगा कि आपका क्या करना है l ब्रह्माकुमारी रुक्मणी दीदी ने अपनी बात रखते हुए कहा की मनुष्य जीवन बहुत ही अद्भुत है और उसमें युवाकाल सबसे महत्वपूर्ण है। युवा अवस्था में ही कई प्रकार के सामर्थ होते हैं जिसके द्वारा व्यक्ति अपना जीवन जैसा चाहे वैसा बना सकता है। यही समय होता है जानने का, समझने का, कुछ नया करने का, उपलब्धियां को प्राप्त करने का, स्वयं का वर्तमान व भविष्य बनाने का, श्रेष्ठ समाज, राष्ट्र एवं विश्व का नव निर्माण करने का। युवा शक्ति महान शक्ति है देश व विश्व में अनेकों परिवर्तन और क्रांतियां युवाओं के माध्यम से ही संभव है। क्योंकि युवाओं में तन मन की शक्ति और बल बुद्धि की शक्ति सबसे ज्यादा होती है इसलिए आवश्यकता है युवा शक्ति को सही दिशा देने की उसकी शक्ति को समाज और विश्व के नवनिर्माण में लगाने की। कार्यक्रम में अनु बहन इंदौर से गीता बहन, अशोक अग्रवाल, अनुज, देव भाई, पूर्वी बहन आदि सेकंडों बच्चों को आध्यात्मिक ज्ञान दिया गया एवं राजयोग की अनुभूति कराई गई l